आप भी भरते हैं Income Tax Return? भूलकर भी न करें ये 10 गलतियां

आप भी भरते हैं Income Tax Return? भूलकर भी न करें ये 10 गलतियां
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Income Tax Return: ITR दाखिल करना कई कारणों से महत्वपूर्ण है। मुख्य रूप से यह इनकम टैक्स एक्ट के तहत एक कानूनी दायित्व को पूरा करता है। अगर आप भी आईटीआर भरने जा रहे हैं तो आपको कुछ चीजों का खास ध्यान रखना होगा।

Highlights

  • आप भी भरते हैं Income Tax Return
  • भूलकर भी न करें ये 10 गलतियां
  • ITR फाइल करते समय अनजाने में कुछ गलतियां हो जाती है

आपको इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) दाखिल करना जटिल लग सकता है, लेकिन कुछ सामान्य गलतियों से बचकर आप प्रक्रिया को आसान बना सकते हैं और यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपको अपना बकाया रिफंड मिल जाए। हालांकि ITR फाइल करते समय अनजाने में कुछ गलतियां हो सकती हैं। ये गलतियां आपको भारी पड़ सकता है। ऐसे में इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय आपको सावधानी रखनी चाहिए। अपना ITR दाखिल करना कई कारणों से महत्वपूर्ण है। मुख्य रूप से यह इनकम टैक्स एक्ट के तहत एक कानूनी दायित्व को पूरा करता है। टैक्स कानूनों और रेगुलेशंस का पालन करने के साथ ही ITR के जरिए आपकी अलग-अलग सोर्सेज से होने वाली इनकम की जानकारी सरकार को मिलती है। यह आपको फाइनेंशियल प्लानिंग का मौका देता है और लोन या वीजा आवेदनकर्ता के लिए भी आईटीआर एक जरूरी दस्तावेज होता है।

क्या होता है Income Tax Return

आपकी आमदनी पर केंद्र सरकार कर वसूलती है, इसे आयकर या इनकम टैक्स कहते हैं. आयकर से होने वाली कमाई को सरकार अपनी गतिविधियों और जनता को सुविधा और सेवाएं देने के लिए इस्तेमाल करती है. साल में एक बार आपको एक आईटीआर फॉर्म में सरकार को आमदनी, खर्च, निवेश और टैक्स देनदारी के बारे में बताना होता है इसे आयकर रिटर्न (इनकम टैक्स रिटर्न) कहते हैं।

सही ITR फॉर्म चुनें

आयकर विभाग ने कई ITR फॉर्म निर्धारित किए हैं । आपको अपनी आय के साधन के आधार पर सावधानी से अपना तय ITR चुनना होगा, वरना आयकर विभाग इसे अस्वीकार कर देगा और आपको इनकम टैक्स के सेक्शन 139(5) के तहत संशोधित विवरणी (Revised Return) दाखिल करने के लिए कहा जाएगा।

बचत खाते पर मिलने वाले ब्याज की जानकारी दें

इनकम टैक्स रिटर्न भरते वक्त बचत खाते पर मिलने वाले ब्याज को जरूर दिखाएं। अगर आप अपनी इस आय को नहीं दिखाते हैं, तो इसे टैक्स चोरी के तौर पर देखा जाएगा और आपके खिलाफ कार्यवाही की जा सकती है जबकि अगर आप इस ब्याज को अपनी ITR में दिखाते हैं तो इनकम टैक्स के सेक्शन 80TTA के द्वारा आप इस ब्याज पर 10000 तक की छूट का लाभ उठा सकते हैं। इसीलिए इस आय को न छुपाएं।

फॉर्म 26AS अवश्य डाउनलोड करें और अपनी आय का उससे मिलान करें

फॉर्म 26AS या टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट आपकी आय पर काटे गए TDS के भुगतान की सभी जानकारी दे देता है। अपना टैक्स रिफंड क्लेम करने से पहले इसे जरूर जांच लें। यह टैक्स कैलकुलेशन में किसी भी तरह की गलती से आपको बचाएगा जिससे आप एक सही टैक्स रिटर्न फाइल कर पाएंगे।

सही व्यक्तिगत जानकारी दें

अपनी सभी जानकारियों को सही-सही ITR फॉर्म में भरें । ध्यान रहे कि आपके नाम की स्पेलिंग, पूरा पता, ईमेल, कॉन्टेक्ट नंबर जैसी जानकारी आपके पैन, ITR और आधार में एक जैसी हो। वही मोबाइल नंबर डालें जिस पर SMS आ सके। गलत जानकारी देने पर आपको रिफंड मिलने में मुश्किल होगी। विभाग से बचने के लिए गलत जानकारी देना महंगा पड़ सकता है।

इनकम टैक्स रिटर्न भरने में देर न करें

टैक्स पेयर्स अक्सर आईटीआर टाइम पर फाइल करना भूल जाते हैं। आईटीआर फाइल करने के लिए अधिक समय की आवश्यकता होती है, ऐसे में इसे आखिरी समय में भरने की कोशिश न करें। समय रहते रिटर्न फाइल कर दें। इस तरह आप खुद को पेनाल्टी से बचा सकते हैं।

टैक्स रिटर्न को वेरिफाई करें

कई लोगों को लगता है कि टैक्स रिटर्न भरने के बाद उनका काम खत्म हो गया है लेकिन आपको टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद उसे वेरिफाई भी करना होता है। आप अपने इनकम टैक्स के ई-फाइलिंग पोर्टल से अपने टैक्स रिटर्न को ई-वेरिफाई कर सकते हैं या सीपीसी-बेंगलुरू भेज कर भी उसे वेरिफाई करा सकते हैं।

पिछली कंपनी से हुई आय की जानकारी देना जरूरी

आयकर रिटर्न भरते वक्त ध्यान रखें कि यदि आपने वित्त वर्ष के एक नौकरी छोड़कर दूसरी ज्वाइन की है तो रिटर्न भरते वक्त दोनों कंपनियों से हुई आय का विवरण ITR में दें। ऐसे में जरूरी है की आप अपनी पिछली और वर्तमान दोनों ही कंपनियों के नियोक्ता से फॉर्म 16 अवश्य लें। फॉर्म 16 सुनिश्चित करता है कि आपके रिटर्न में कम से कम समय लगे और उसमें कम से कम गलतियां हों।

छूट प्राप्त आय व कर मुक्त आय की जानकारी दें

ITR फॉर्म में कई कॉलम है जहां कृषि आय, लाभांश, दीर्घ अवधि के पूंजीगत लाभों (लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन) पर मिलने वाली छूट का ब्यौरा विशेष रूप से अलग कॉलम में देना होता है। यहां ठीक से छूट प्राप्त आय व कर मुक्त आय की जानकारी दें।

पूंजीगत हानियों व नुकसान की भी जानकारी दें

रिटर्न फाइल करने का मतलब यह है कि आपको न सिर्फ अपनी आय बल्कि अपने नुकसान का भी ब्यौरा देना है । कई बार हमें पूंजीगत हानियां भी होती हैं जिसे हम ITR में नहीं दिखाते हैं | ऐसा करना गलत है क्योंकि किसी साल में हानि होने पर आप उस को अपनी रिटर्न में शामिल करके कैपिटल गेन से समायोजित कर सकते हैं या इस नुकसान को आने वाले सालों के लिए आप कैरी फॉरवर्ड भी कर सकते हैं जिसे आप आगामी 8 सालों में कभी भी कैपिटल गेन से समायोजित कर सकते हैं।

टैक्स छूट लेने के लिए गलत जानकारी न भरें

लोग टैक्‍स से बचने के लिए फर्जी छूटों का सहारा लेते हैं | झूठे दान की आड़ में टैक्‍स बचाने की कोशिश की जाती है | इसके अलावा बच्‍चों की पढ़ाई के नाम पर फर्जी फीस रसीदें, फर्जी किराये की रसीदें, बिल, लोन के कागज, नकली निवेश की रसीदें आदि का इस्‍तेमाल भी किया जाता है। यदि आपने कोई भी फर्जी छूट अपनी ITR में दिखाई है तो आप यकीन मानें कि वर्तमान समय में आप इनकम टैक्स विभाग की नज़रों में हैं और आप पर कार्यवाही की जा सकती है।

नोट – इस खबर में दी गयी जानकारी निवेश के लिए सलाह नहीं है। ये सिर्फ मार्किट के ट्रेंड और एक्सपर्ट्स के बारे में दी गयी जानकारी है। कृपया निवेश से पहले अपनी सूझबूझ और समझदारी का इस्तेमाल जरूर करें। इसमें प्रकाशित सामग्री की जिम्मेदारी संस्थान की नहीं है। 

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