भारतीय Economy के लिए अच्छी खबर, , ADB ने GDP में बढ़ाया अनुमान

भारतीय Economy के लिए अच्छी खबर, , ADB ने GDP में बढ़ाया अनुमान
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Indian Economy: एशियाई वृद्धि बैंक (ADB) ने भारत के लिए चालू वित्त वर्ष 2024-25 की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि दर का अनुमान बृहस्पतिवार को बढ़ाकर सात प्रतिशत कर दिया। इससे पहले उसने वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था।

Highlights 

  • ADB ने भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था पर जताया भरोसा
  • GDP ग्रोथ रेट का अनुमान 7% बढ़ाया
  • डिमांड और महंगाई को लेकर लगाया गया अनुमान

ADB ने GDP में बढ़ाया अनुमान

ADB के अनुसार, सार्वजनिक व निजी क्षेत्र की निवेश और उपभोक्ता मांग से मजबूत वृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा। ADB ने 'एशियन डेवलपमेंट आउटलुक' के अप्रैल संस्करण में कहा कि भारत, एशिया तथा प्रशांत क्षेत्र में ''एक प्रमुख वृद्धि इंजन'' बना रहेगा। हालांकि वित्त वर्ष 2025-26 के लिए एडीबी ने भारत की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। वित्त वर्ष 2023-24 और वित्त वर्ष 2024-25 में नरमी के बावजूद वृद्धि मजबूत रहेगी। हालांकि, वित्त वर्ष 2024-25 का वृद्धि अनुमान 2022-23 वित्त वर्ष के अनुमानित 7.6 प्रतिशत से कम है।

क्या होती है GDP ?

देश की अर्थव्यवस्था की जब भी चर्चा की जाती है तो हमेशा एक शब्द जीडीपी (GDP) शब्द जरूर सुना होगा। किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को मापने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है जीडीपी (GDP) की फुल फॉर्म सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product) है। यह किसी भी देश में एक निश्चित अवधि के दौरान उत्पादित हुई सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का कुल मौद्रिक मूल्य होता है। आमतौर किसी देश की जीडीपी को मापने के लिए एक वर्ष की अवधि का प्रयोग किया जाता है।

कैसे हुई GDP की शुरुआत?

माना जाता है कि मौजूदा समय में जिस जीडीपी अवधारणा का उपयोग किया जा रहा है। उसकी शुरुआत 18वीं शताब्दी के अंत में हुई थी। इसे 1934 में अमेरिकी अर्थशास्त्री साइमन कुज्नेत्स द्वारा लोकप्रिय किया गया। 1944 में ब्रेटन वुड्स सम्मेलन में देश की अर्थव्यवस्था को मापने की मुख्य पद्धति के रूप में अपनाया गया।

ADB ने लगाया अनुमान

वित्त वर्ष 2025-26 के लिए ADB ने भारत की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। वित्त वर्ष 2023-24 और वित्त वर्ष 2024-25 में नरमी के बावजूद वृद्धि मजबूत रहेगी। हालांकि, वित्त वर्ष 2024-25 का वृद्धि अनुमान 2022-23 वित्त वर्ष के अनुमानित 7.6 प्रतिशत से कम है।

मनीला स्थित बहुपक्षीय संस्थान ने पिछले साल दिसंबर में वित्त वर्ष 2024-25 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाया था।

इसमें कहा गया, '' वित्त वर्ष 2022-23 में विनिर्माण व सेवाओं में मजबूत गति के साथ अर्थव्यवस्था में जोरदार वृद्धि हुई। यह तेजी आगे भी जारी रहेगी। वृद्धि मुख्य रूप से मजबूत निवेश और उपभोग मांग में सुधार से प्रेरित होगी। वैश्विक रुझानों के अनुरूप मुद्रास्फीति में गिरावट का रुख जारी रहेगा।''

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले हफ्ते कहा था कि मानसून के सामान्य रहने पर मुद्रास्फीति के दबाव में कमी और विनिर्माण व सेवा क्षेत्रों में निरंतर गति से चालू वित्त वर्ष 2024-25 में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहने का अनुमान है।

भारत के लिए एडीबी के 'कंट्री डायरेक्टर' मियो ओका ने कहा, '' Òवैश्विक प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद भारत अपनी मजबूत घरेलू मांग तथा सहायक नीतियों के बल पर सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है।''

एडीबी की स्थापना 1966 में की गई। अत्यधिक गरीबी उन्मूलन के अपने प्रयासों को जारी रखते हुए एडीबी एक समृद्ध, समावेशी, जुझारू व टिकाऊ एशिया तथा प्रशांत क्षेत्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। एडीबी के 68 सदस्य देश हैं, जिनमें से 49 एशिया और प्रशांत क्षेत्र से हैं।

अर्थव्यवस्था मजबूत

ADB द्वारा जारी किए गए अपने नोट में कहा गया, कि भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2022-23 में काफी मजबूत रही। आने वाले वित्त वर्ष में ये जारी रह सकता है। अर्थव्यवस्था को सबसे ज्यादा सहारा मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विसेज सेक्टर से मिल रहा है। मांग के साथ खपत भी बढ़ रही है और महंगाई में कमी आने से जीडीपी वृद्धि दर को मजबूती मिल रही है।

रिपोर्ट में आगे कहा गया कि वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.2 प्रतिशत पर रह सकती है। हालांकि, विश्व की अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में मंदी के चलते निर्यात सामान्य रह सकता है। हालांकि, इसमें आने वाले समय में सुधार हो सकता है।

डिमांड और महंगाई को लेकर क्या अनुमान।

दिसंबर 2023 में एशियन डेवलपमेंट बैंक ने अनुमान लगाया था कि कारोबारी साल 2025 में भारतीय अर्थव्यवस्था की रफ्तार 6.7% रह सकती है। ADB ने कहा, "कारोबारी साल 2023 के दौरान मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज में मजबूत मोमेंटम की वजह से अर्थव्यवस्था में तेज ग्रोथ देखने को मिली, आगे भी ये तेजी जारी रहेगी। अब प्रमुख तौर पर मजबूत निवेश डिमांड और खपत डिमांड के ट्रेंड में मजबूती के दम पर ग्रोथ देखने को मिलेगी। महंगाई में ग्लोबल ट्रेंड्स की तरह ही धीरे-धीरे कमी आती रहेगी।"

एक्सपोर्ट में तुलनात्मक रूप से सुस्ती संभव

ADB ने कहा कि कारोबारी साल 2024 और 2025 में सामान्य रहने के बाद भी आर्थिक ग्रोथ में मजबूती बनी रहेगी. ADB ने यह ग्रोथ 7.2% रहने का अनुमान लगाया है। ADB का कहना है कि कारोबारी साल 2024-25 के दौरान एक्सपोर्ट में तुलनात्मक रूप से सुस्ती देखने को मिल सकती है, क्योंकि दुनियाभर की कई अर्थव्यवस्थाओं में नरमी का दौर है. हालांकि, कारोबारी साल 2025 से इस में सुधार देखने को मिलेगा।

नोट – इस खबर में दी गयी जानकारी निवेश के लिए सलाह नहीं है। ये सिर्फ मार्किट के ट्रेंड और एक्सपर्ट्स के बारे में दी गयी जानकारी है। कृपया निवेश से पहले अपनी सूझबूझ और समझदारी का इस्तेमाल जरूर करें। इसमें प्रकाशित सामग्री की जिम्मेदारी संस्थान की नहीं है। 

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