इस वर्ष 2024 में भारत का 74वां गणतंत्र दिवस मनाया जा रहा है। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि हैं। इसी दिन सन् 1950 को भारत सरकार अधिनियम (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था। 26 जनवरी को गणत्रंत्र दिवस की परेड में भारतीय सेना इस बार स्वदेशी हथियारों का प्रदर्शन करेगी। इसमें मिसाइलें ,टैंक, लड़ाकू विमान जैसे हथियार शामिल होंगे। इस रिपोर्ट में हम आपको बताएगे की ये हथियार कौन से है और इनकी ताकत क्या है ? भारतीय सेना इस बार गणतंत्र दिवस समारोह मतलब परेड में स्वदेसी हथियारों का दम दिखाएगी। जिनमे लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर प्रचंड , पिनाका मल्टीबैरल रॉकेट सिस्टम, नाग एंटी-टैंक मिसाइल, टी-90 भीष्म टैंक जैसे हथियार शामिल हैं।
लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर का प्रयोग वहां किया जाता है जहां पर फाइटर जेट्स की आवश्यकता नहीं होती। भारत में बना लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर दुनिया का इकलौता अपने वर्ग का सर्वश्रेष्ठ हेलिकॉप्टर है। यह अत्यधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रो से लैंडिंग और टेकऑफ कर सकता है। इसकी ऊंचाई 15. 5 फ़ीट है और लंबाई 51.10 फ़ीट है। इसे दो पायलट मिलकर उड़ा सकते है। यह लगातार तीन घंटे उड़ान भर सकता है। 550 km की कॉम्बैट रेंज में यह अधिकतम 268 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से उड़ सकता है। यह हेलीकॉप्टर 16400 फ़ीट की ऊंचाई तक जा सकता है। फ़िलहाल विश्व में इस प्रकार का कोई हेलीकॉप्टर नहीं जो इतनी उचाई पर उड़ सके। लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर की चोंच यानी कॉकपिट के ठीक नीचे 20 mm की तोप है। हेलिकॉप्टर में चार हार्डप्वाइंट्स हैं। यानी चार एक जैसे या अलग-अलग प्रकार के हथियार लगाए जा सकते हैं। जैसे – चार 12 FZ 275 लेजर गाइडेड रॉकेट्स या हवा से हवा में मार करने वाली चार मिसाइलें। या चार क्लस्टर बम, अनगाइडेड बम, ग्रेनेड लॉन्चर लगाया जा सकता है या फिर इन सबका मिश्रण सेट कर सकते हैं।
पिनाका रॉकेट्स की गति ही इसे ज्यादा घातक बनाती है। इसकी स्पीड 5757.70 किलोमीटर प्रतिघंटा है। मतलब एक सेकेंड में 1.61 km की रफ़्तार से अटैक करता है। पिछले साल इसके 24 परीक्षण किए गए थे। इसके प्रमुख तौर पर दो वैरिएंट्स मौजूद हैं। तीसरा निर्माणधीन है। पहला है – पिनाका एमके-1 (एनहैंस्ड) रॉकेट सिस्टम , रॉकेट सिस्टम।
भारत में बने ध्रुवास्त्र एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल को हेलिना भी कहते हैं। इससे पहले इसका नाम नाग मिसाइल था। ध्रुवास्त्र मिसाइल 230 मीटर प्रति सेकेंड की गति से चलती है। यानी 828 km/hr प्रति घंटा। ध्रुवास्त्र की मारक क्षमता 500 मीटर से लेकर 20 km तक है। ध्रुवास्त्र तीसरी पीढ़ी की 'दागो और भूल जाओ' टैंक रोधी मिसाइल है। जिसे हेलिकॉप्टर, टैंक, बीएमपी या किसी भी आर्मर्ड व्हीकल पर तैनात किया जा सकता है। ध्रुवास्त्र मिसाइल का वजन करीब 45 kg है। यह 6 फीट एक इंच लंबी है। इसका व्यास 7.9 इंच है। इसमें 8 किलो विस्फोटक लगाकर इसे बेहतरीन मारक मिसाइल बनाया जा सकता है।
इस मिसाइल का निर्माण रक्षा अनुसंधान एव विकास संघठन डीआरडीओ ने इजराइल के आई ए आई कंपनी के साथ मिलकर किया है। सतह से वायु में वार करने वाली मिसाइल आर्मी वेपन सिस्टम में कमांड पोस्ट, मल्टी फंक्शन राडार, मोबाइल लॉन्चर सिस्टम होता है। इसका वजन करीब 275 किलोग्राम है। लंबाई 4.5 मीटर और व्यास 0.45 मीटर होता है। इस इस मिसाइल पर 60 किलोग्राम वॉरहेड यानी हथियार लोड किया जा सकता है। यह दो स्तर की मिसाइल है, जो लॉन्च होने के बाद धुआं कम छोड़ती है। एक बार लॉन्च होने के बाद MRSAM आसमान में सीधे 16 km तक टारगेट को गिरा सकती है। इसकी रेंज आधा km से लेकर 100 km तक है। इस की मारकक्षमता में आने वाले दुश्मन को मिसाइल नेस्तनाबूत कर सकती है। इसकी गति 680 मीटर प्रति सेकेंड यानी 2448 किलोमीटर प्रतिघंटा है।
टी-90 टैंक रूस का मुख्य युद्धक टैंक है, जिसे भारत ने अपनेअनुसार बदलकर उसका नाम भीष्म रखा। 2078 टैंक सर्विस में है। 464 का ऑर्डर दिया गया है। भारत ने रूस के साथ डील की है कि वह 2025 तक 1657 भीष्म को ड्यूटी पर तैनात कर देगा। इस टैंक में तीन लोग ही बैठते हैं। यह 125 मिलिमीटर स्मूथबोर गन है। इस टैंक पर 43 गोले स्टोर किए जा सकते हैं। यह 60 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से चल सकता है। इसकी ऑपरेशनल रेंज 550 किलोमीटर है। इस टैंक के रूसी वर्जन का उपयोग कई देशों में किया जा रहा है। इस टैंक ने दागेस्तान के युद्ध, सीरियन नागरिक संघर्ष, डोनाबास में युद्ध, 2020 में हुए नागोमो-काराबख संघर्ष और इस साल यूक्रेन में हो रहे रूसी घुसपैठ में काफी ज्यादा मदद की है।