President Putin's visit to UAE रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को अबू धाबी और रियाद की एक दिवसीय यात्रा की और अगले ही दिन क्रेमलिन में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी की मेजबानी की। इस सप्ताह से पहले, पुतिन ने फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद केवल चीन और ईरान का दौरा किया था। हाल के सप्ताहों में रूस को युद्ध में स्पष्ट रूप से बढ़त हासिल होती दिख रही है, पश्चिम का ध्यान गाजा पर केंद्रित है, और यूक्रेन का सामना करना पड़ रहा है पुरुषों, हथियारों और धन का संकट।
HIGHLIGHTS
President Putin's visit to UAE राष्ट्रपति पुतिन की इस यात्रा का मक़सद, मिडिल ईस्ट पावर ब्रोकर के रूप में देश की छवि को मज़बूत करना है।कोरोना महामारी और यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद राष्ट्रपति पुतिन का यह अहम दौरा था। इस वक़्त यूएई जलवायु सम्मेलन सीओपी 28 की मेज़बानी कर रहा है। संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान के साथ बात करते हुए राष्ट्रपति पुतिन ने ऊर्जा सहयोग, मध्य-पूर्व में संघर्ष और यूक्रेन संकट पर चर्चा करने की पेशकश की। मौजूदा दौरे में संयुक्त अरब अमीरात और रूस के बीच संबंधों की राष्ट्रपति पुतिन ने तारीफ़ की और उन्हें जलवायु सम्मेलन की मेज़बानी करने के लिए बधाई भी दी।
President Putin's visit to UAE यूक्रेन के साथ युद्ध के बाद पुतिन ने अपने विदेशी दौरे सीमित कर दिए हैं। इससे पहले अक्टूबर में उन्होंने चीन का दौरा किया था और हाल के महीनों में उन देशों की यात्राएं कीं जो कभी सोवियत संघ का हिस्सा थे। उन्हें यूक्रेन में युद्ध अपराधों के मामले में इंटरनेशनल क्रीमिनल कोर्ट से जारी गिरफ्तारी वॉरंट का सामना करना पड़ रहा है। आईसीसी ने पुतिन पर यूक्रेन के रूसी कब्जे वाले इलाक़ों में बच्चों को ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से बाहर ले जाने के आरोप लगाए हैं। हालांकि रूस ने हमले के दौरान अत्याचार के सभी आरोपों का खंडन किया है।
President Putin's visit to UAE संयुक्त अरब अमीरात और सऊदी अरब, दोनों ऐसे देश हैं, जिन्होंने आईसीसी की स्थापना संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। इसका मतलब है कि इन देशों पर राष्ट्रपति पुतिन को हिरासत में लेने की बाध्यता नहीं है। इन्हीं अटकलों के बीच पुतिन, दक्षिण अफ्रीका में हुए एक शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हुए थे। दक्षिण अफ़्रीका में ब्रिक्स समिट हुआ था और पुतिन इसमें शामिल नहीं हुए थे। इसके बाद इसी महीने सितंबर में नई दिल्ली में आयोजित जी-20 समिट में भी राष्ट्रपति पुतिन नहीं आए थे।
रूसी एयरफोर्स के चार एसयू-35 लड़ाकू विमानों के बीच राष्ट्रपति पुतिन का हवाई जहाज जब अबू धाबी के कमर्शियल एयरपोर्ट पर उतरा, तो उन्हें लेने यूएई के विदेश मंत्री शेख़ अब्दुल्ला बिन जायद अल नाह्यान लेने पहुंचे। जैसे ही पुतिन, विमान की सीढ़ियों से नीचे उतरे, तो दोनों नेताओं को मुस्कुराते हुए तस्वीर हर किसी ने देखी। हालांकि यूएई, अमेरिका का सहयोगी है, लेकिन रूस के साथ भी उसके अच्छे रिश्ते हैं। इसके बाद अबू धाबी के कसर अल वतन पैलेस में राष्ट्रपति पुतिन को 21 तोपों की सलामी और यूएई के सैन्य विमानों ने हवा में रूसी ध्वज के रंग बिखर कर उनका स्वागत किया।
पुतिन के साथ बैठते हुए शेख मोहम्मद ने बैठते हुए कहा, "मैं आपसे दोबारा मिलकर ख़ुश हूँ। बाद में उन्होंने एक बयान जारी कर कहा कि उन्होंने स्थिरता और तरक्की सुनिश्चित करने के लिए बातचीत और सहयोग बढ़ाने को लेकर बातचीत की है। मुख्य रूस से यूएई, सुरक्षा के लिहाज से अमेरिका पर ज्यादा निर्भर है, लेकिन रूस के साथ उसके व्यापारिक संबंध लगातार बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं.
यूक्रेन युद्ध के बाद रूस को बड़े पैमाने पर पश्चिमी प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है. जानकारों का कहना है कि इस स्थिति में संयुक्त अरब अमीरात, रूस के लिए काफ़ी महत्वपूर्ण है।
यूएई के बाद राष्ट्रपति पुतिन, सऊदी अरब की राजधानी रियाद पहुंचे, जहां क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने एक दूसरे के साथ गर्मजोशी से हाथ मिलाया और मुस्कुराते हुए बैठक स्थल की तरफ़ बढ़े। समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक़ पुतिन ने कहा कि रूस-सऊदी के बीच संबंध ऐसे स्तर पर पहुंच गए हैं, जो उन्होंने आज से पहले कभी नहीं देखे थे। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में क्या हो रहा है, इसकी जानकारी और आकलन का एक दूसरे के साथ साझा करना बहुत महत्वपूर्ण है। वहीं मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि रूसी-सऊदी सहयोग ने मध्य-पूर्व में सुरक्षा को मज़बूत करने में मदद की है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच भविष्य में होने वाली राजनीतिक बातचीत और एक-दूसरे का साथ वैश्विक स्थिति पर सकारात्मक प्रभाव डालने का काम करेगा।
रूसी सरकार के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव का कहना है कि दोनों देशों के अधिकारियों के बीच बातचीत के अलावा दोनों नेताओं ने एक दूसरे के साथ रात्रि भोज पर भी बात की, जहां इसराइल-हमास युद्ध के अलावा कई संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा की गई। इसराइल-हमास के बीच बातचीत के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में यूएई और सऊदी अरब की महत्वपूर्ण भूमिका है और ऐसे में राष्ट्रपति पुतिन के व्यक्तिगत संबंध दोनों नेताओं के साथ बहुत अच्छे हैं। समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक़ मध्य पूर्व के संघर्ष में राष्ट्रपति पुतिन ने अपने देश की छवि को पावर ब्रोकर की तरह मजबूत करने और युद्ध को अमेरिकी कूटनीति की विफलता के तौर पर पेश करते एक तरह से अमेरिका को चुनौती देने की कोशिश की है।
एजेंसी के मुताबिक रूस के इसराइल और फलस्तीन, दोनों के साथ दोस्ताना संबंध है, ऐसे में उन्होंने सुझाव दिया कि रूस, दोनों की लड़ाई में मध्यस्थ की भूमिका निभा सकता है। यूएई और सऊदी अरब की यात्रा के बाद गुरुवार, 7 दिसंबर को राष्ट्रपति पुतिन ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी से मिलने वाले हैं। इसराइल-हमास युद्ध के कारण मध्य-पूर्व के कई देश मुश्किल स्थिति में हैं. साल 2020 में यूएई ने इसराइल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के लिए समझौते की घोषणा की थी।
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