2024 एक चुनावी साल है। इस साल 2 से 3 देशों में नहीं बल्कि 70 से ज्यादा देशों में चुनाव होंगे। इसमें भारत, पाकिस्तान, रूस, यूरोप के देश, अमेरिका जैसे कई देश शामिल हैं। इन चुनावी देशों में इस साल लगभग 4 बिलियन लोग यानि 400 करोड़ वोटिंग में हिस्सा लेंगे।
बता दें, बांग्लादेश और ताइवान में जनवरी 2024 में चुनाव हो चुके हैं। बांग्लादेश में शेख हसीना एक बार फिर सत्ता की कुर्सी पर बैठ गई है। मालूम हो शेख हसीना 2009 से प्रधानमंत्री है। वहीं, डेमोक्रिटक पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष विलियम लाई ताइवान के अगले राष्ट्रपति चुने गए है।
ऐसे में रूस, ताइवान और ब्रिटेन से लेकर भारत, अल सल्वाडोर और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में राष्ट्रपति और संसदीय चुनावों से हार-जीत के साथ-साथ राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर समीकरण बदलने की गुंजाइश हैं।
अगर दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत की बात की जाए तो इस साल होने देश में वाले लोकसभा चुनाव में सभी की नजर है। इस साल आम चुनाव में बीजेपी के खिलाफ मैदान में INDIA गठबंधन होगा। देखा जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बीते दस सालों में भारत की फॉरेन पॉलिसी काफी बदली है। G20 की अध्यक्षता से लेकर ग्लोबल साउथ की मुखर आवाज बनने तक वैश्विक प्लेटफॉर्म पर भारत को तवज्जो मिली है।
क्योंकि अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, यूक्रेन, ऑस्ट्रेलिया से लेकर संयुक्त अरब अमीरात तक भारत की धाक बनी है। ऐसे में अगर विपक्षी गठबंधन INDIA ये चुनाव जीतता है तो स्थिती कुछ और ही होगी। बता दें, इस साल भारत में 95 करोड़ जनता वोट डालेगी और यह 18वीं लोकसभा के गठन के लिए चुनाव है।
मार्च 2024 में रूस में राष्ट्रपति चुनाव होने है। व्लादिमीर पुतिन ने पिछले साल ऐलान किया था कि वे 2024 का राष्ट्रपति चुनाव लड़ेंगे। एक तरह से उनका जीतना तय माना जा रहा है। इन चुनावों में कोई संदेह नजर नहीं आ रहा कि इस साल भी रूस में पुतिन ही राष्ट्रपति बनेंगे।
पांचवें कार्यकाल के लिये चुनाव लड़ रहे राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को महज सांकेतिक विरोध का सामना करना पड़ रहा है। उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी या तो जेल में हैं, या निर्वासित हैं या उनकी मृत्यु हो गई है और यूक्रेन में शांति का आह्वान करने वाले एक नेता को अयोग्य करार दिया गया है।
अमेरिका में इस साल नवंबर में चुनाव होने है। चुनाव में हमेशा की तरह अमेरिका की दो प्रतिद्वंदी पार्टियां रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक आमने-सामने होंगी। डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति जो बाइडन है तो रिपब्लिकन की तरफ से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप है। कहा जाता है कि ट्रंप की जीत रूस और यूक्रेन युद्ध का भविष्य तय करेगी।
ट्रंप हमेशा से ही खुलकर पुतिन का समर्थन करते रहे हैं। वह शुरुआत से ही रूस के पाले में खड़े नजर आए हैं। वह कई मौकों पर कह भी चुके हैं कि अगर वे राष्ट्रपति चुनाव जीतते हैं तो यूक्रेन को दी जाने वाली लाखों डॉलर की मदद और सैन्य सहायता तुरंत प्रभाव से रोक देंगे। ऐसे में देखना है कि नवंबर के चुनाव क्या कहते है।
मेक्सिको में भी इस साल राष्ट्रपति चुनाव होने वाले है और इस बार ये मुकाबला दो महिलाओं क्लाउडिया शीनबाम और जोचिटल गैल्वेज के बीच हैं। ऐसे में जीत किसी की भी हो लेकिन मेक्सिको में राष्ट्रपति पद पर पहली बार महिला ही होगी।
दक्षिण पूर्व एशिया के सबसे बड़े लोकतंत्र इंडोनेशिया में मतदाता 14 फरवरी को राष्ट्रपति जोको विडोडो के उत्तराधिकारी का चयन करने वाले हैं। जनमत सर्वेक्षणों से संकेत मिलता है कि रक्षा मंत्री प्रबोवो सुबियंतो और मध्य जावा के पूर्व गवर्नर गंजर प्रणोवो के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा होने की संभावना है।
ब्रिटेन की सत्ता में नाटकीय नजारा देखने को मिला। क्योंकि 2019 में बोरिस जॉनसन के प्रधानमंत्री बनने से लेकर बेहद नाटकीय ढंग से पद छोड़ने, इसके बाद लिज ट्रस के पीएम बनने के कुछ दिनों के अंदर ही इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफे देने से कंजरवेटिव पार्टी पर वोटर्स का भरोसा कम हुआ है। ऐसे में ऋषि सुनक को कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।
भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी इस साल 8 फरवरी को आम चुनाव होने थे। लेकिन हाल ही में इन चुनावों की तारिखों को कुछ समय टालने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया गया है। इसके बाद से ही फरवरी में पाकिस्तान चुनाव को लेकर संशय जताया जा रहै है, लेकिन ये चुनाव इसी साल होंगे।
विपक्ष का प्रमुख चेहरा रहे पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान जेल में हैं और निर्वाचन अधिकारियों ने उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है। पाकिस्तान मुस्लिम लीग के नेता और तीन बार प्रधानमंत्री रहे उनके प्रतिद्वंद्वी नवाज शरीफ को भ्रष्टाचार के आरोपों से मुक्त होने के बाद चुनाव लड़ने की अनुमति मिल गई है। पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी भी चुनाव लड़ रही है।