चंडीगढ हाईकोर्ट ने एक याचिका कर्ता व उसके अधिवक्ता पर जमकर भड़ास निकाली, राम रहीम को लेकर सुनवाई करने वाली बैंच ने कहा कि अगर याची कुछ भी कहे तो कम से कम वकील को तो दिमाग लगाना चाहिए। यदि राम रहीम की दाढी मूंछ बढ़ी हैं तो इससे याचिकाकर्ता को क्या लेना देना। दरअसल चंडीगढ़ हाईकोर्ट में राम रहीम का अपहरण करने व उनका हमशक्ल तैयार करने का आरोप लगाते हुए याचिका लगाई थी। जिसे कोर्ट ने यह कहते हुए खारिज कर दी की याचिकाकर्ता क्या कोई फिल्म देखकर आया हैं यह कहानी बिल्कुल फिल्म जैसी लग रही हैं।
करीबी को नही पहचान पा रहे राम रहीम
याचिका दाखिल करते हुए चंडीगढ़ के अशोक कुमार व अन्य ने हाईकोर्ट को बताया था कि राम रहीम को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद जब वह पैरोल पर बाहर आए तो उनमें काफी फर्क देखा गया। सभाओं के दौरान वह अपने करीबियों को भी नहीं पहचान रहे हैं। इसके साथ ही उनके शरीर में भी काफी अंतर देखा जा सकता है। उनका कद एक इंच बढ़ गया है जबकि उनकी आयु 50 वर्ष है और इस आयु में किसी का कद नहीं बढ़ता। इसके साथ ही उनकी उंगलियां भी लंबी हो गई हैं।
याचिका कर्ता ने हाईकोर्ट में सुनवाई करने वाली बैंच से अपील की कि इस मामले में हाईकोर्ट दखल दे और राम रहीम की स्वतंत्र एजेंसी से जांच करवाई जाए। याचिका कर्ता ने कहा राम रहीम का हमशक्ल तैयार किया गया हैं, और उसकी दाढी बढ़ी हुई। इसके बाद कोर्ट ने अपने जवाब में याचिकाकर्ता के वकील को फटकार लगाते हुए कहा की यदि राम रहीम की लंबाई बढ़ी है तो इससे याची को क्या लेना देना। कोर्ट याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगाने को तैयार था लेकिन बाद में बिना कोई जुर्माना लगाए हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।