चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमन्त्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा अपने चंडीगढ़ निवास स्थान पर पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में हरियाणा सरकार पर जमकर बरसे और कहा कि प्रदेश में भाजपा शासन के 1000 दिन व्यर्थ गए। कोई नया काम शुरू नहीं हुआ, फिर भी सरकार अपने मुँह मियां मिटु बन कर मीडिया में अपनी झूठी उपलब्धियों की पट्टी पिछले 12 दिन से चलवा रही है। पट्टी ईमानदारी का प्रतीक नहीं जैसा कि दावा किया गया है, बल्कि बेईमानी व झूठ की दास्तान है। श्री हुड्डा ने कहा कि सरकार जो 14 आर.ओ.बी. और 12 आर.यू.बी. तथा रेवाड़ी-रोहतक और सोनीपत-जीन्द रेल सेवा शुरू करने का श्रेय ले रही है, उसमें इस सरकार का क्या योगदान है ? साथ ही सरकार की ओर से हर खेत को पानी का दावा बेशक किया गया है, पर एक भी नई माईनर या सब-माईनर नहीं बनाई गई है।
सामान्य दिनों में पानी सप्लाई में कोई अन्तर दिखाई नहीं दिया। दादुपुर-नलवी नहर तो बिल्कुल ही बन्द कर दी गई है। बेमौसमी बरसात तथा औलावृष्टि से बर्बाद हुई फसल की मुआवजा राशि, जो 2004 में 2000/- रूपये प्रति एकड़ थी, कांग्रेस शासन में 10,000/- रूपये प्रति एकड़ बढ़ाई गई थी, जबकि भाजपा सरकार ने इसे बढ़ाकर 12000 रूपए प्रति एकड़ करने का निर्णय लिया है। अपनी बात स्पष्ट करते हुए कहा कि भारत सरकार ने मुआवजा राशि अपना हिस्सा 3600 रूपए प्रति एकड़ से बढ़ाकर 5400 रूपए प्रति एकड़ कर दिया है। इस हिसाब से केन्द्र सरकार ने 1800 रूपए प्रति एकड़ की बढ़ोतरी की है। मुआवजा राशि कुल 2000 रूपए प्रति एकड़ बढ़ोतरी का मतलब हरियाणा सरकार ने अपनी ओर से केवल 200 रूपए प्रति एकड़ की बढ़ोतरी की है, जो कि पीडि़त किसानों के साथ क्रूर मजाक है, जबकि केन्द्र सरकार के निर्णय को देखते हुए मुआवजा राशि 12000 रूपए की बजाए 15000 रूपए प्रति एकड़ होनी चाहिए थी।
(आहूजा)