चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में अचल सम्पत्ति के गैर वसियती दस्तावेजों पर रजिस्ट्रीकरण शुल्क को संशोधित करने के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। यहां यह उल्लेखनीय होगा कि रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1908 के तहत रजिस्ट्रीकरण शुल्क की दरों को वर्ष 2006 में संशोधित किया गया था, जिसके अनुसार प्रतिफल की राशि 25 लाख रुपये से अधिक होने पर रजिस्ट्रीकरण शुल्क की अधिकतम दर 15000 रुपये है। रजिस्ट्रीकरण शुल्क स्लैब प्रणाली पर लिया जाता है ।
तब से अब तक सम्पत्ति के प्रतिफल और खर्चों में काफी वृद्घि हुई है इसलिए विकास कार्यों पर निरन्तर बढ़ रहे खर्चों और रजिस्ट्रीकरण विभाग के खर्चों को पूरा करने के लिए रजिस्ट्रीकरण शुल्क की दरें बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। संशोधित की गई रजिस्ट्रीकरण फीस के अनुसार यदि प्रतिफल की राशि 25 लाख रुपये से अधिक किन्तु 30 लाख रुपये से कम है तो 15 हजार रुपये, 30 लाख रुपये से अधिक किन्तु 40 लाख रुपये से कम है तो 20 हजार रुपये, 40 लाख रुपये से अधिक किन्तु 50 लाख रुपये से कम है तो 25 हजार रुपये, 50 लाख रुपये से अधिक किन्तु 60 लाख रुपये से कम है तो 30 हजार रुपये, 60 लाख रुपये से अधिक किन्तु 70 लाख रुपये से कम है तो 35 हजार रुपये, 70 लाख रुपये से अधिक किन्तु 80 लाख रुपये से कम है तो 40 हजार रुपये, 80 लाख रुपये से अधिक किन्तु 90 लाख रुपये से कम है तो 45 हजार रुपये और यदि यह राशि 90 लाख रुपये से अधिक है तो 50 हजार रुपये का रजिस्ट्रीकरण शुल्क देय होगा।
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(आहूजा)