चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार पर कर्मचारी विरोधी होने का आरोप लगाते हुए प्रदेश के 32 हजार सफाई कर्मचारी मंगलवार से तीन दिन के लिए हड़ताल पर चले गए हैं। कर्मचारी नेताओं ने ऐलान किया है कि अगर सरकार उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं हुई तो आने वाले दिनों में संघर्ष और तेज किया जाएगा। मनोहर सरकार के कार्यकाल के दौरान यह चौथा मौका है जब प्रदेश के सफाई कर्मचारी हड़ताल पर गए हैं। सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के चलते प्रदेश के दस नगर निगमों, 19 नगर परिषदों तथा 57 नगर पालिकाओं में आज काम नहीं हुआ।
प्रदेश के शहरों में पहले ही दिन कूड़े के ढेर लगने शुरू हो गए हैं। नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रधान नरेश कुमार शास्त्री ने हड़ताल को सफल करार देते हुए कहा कि बृहस्पतिवार की शाम तक सफाई कर्मचारी काम नहीं करेंगे। अगर सरकार ने बातचीत की बजाय दमनात्मक कार्रवाई करके हड़ताल को कमजोर करने का प्रयास किया तो हड़ताल अनिश्चितकालीन भी हो सकती है। उन्होंने बताया कि 27 से 29 अगस्त तक तीन दिवसीय प्रदेशव्यापी हड़ताल भाजपा द्वारा 2014 में जारी घोषणा पत्र में सफाई कर्मचारियों के लिए कई तरह के वादे किए गए थे। सरकार का कार्यकाल पूरा होने जा रहा है और अभी तक एक भी वादा पूरा नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि इससे पहले 16 दिन तक हड़ताल चलने पर के बाद तीन मंत्रियों की कमेटी द्वारा पिछले साल 24 मई को किए समझौते को लागू न करने व 1366 फायरमैन एवं ड्राइवरों को पदों को रिक्त मानकर 1046 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर पहले से लगे फायरमैन व ड्राईवर को नौकरी से निकलने के किए जा रहे प्रयासों के खिलाफ की जा रही है। शहरी स्थानीय निकाय विभाग के कर्मचारी नगर पालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के बेनर तले मनोहर लाल सरकार के कार्यकाल में चौथी बार हड़ताल शुरू हुई है।
इसी दौरान सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने आज से शुरू हुई सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का समर्थन कर दिया है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रधान सुभाष लांबा व महासचिव सतीश सेठी ने सरकार से बातचीत के द्वारा पालिका कर्मियों की मांगों का समाधान करने की मांग करते हुए कहा कि सरकार को अडिय़न रवैया छोडक़र कर्मचारियों की मांगे पूरी करनी चाहिए। उन्होंने सरकार द्वारा बार-बार पालिका कर्मियों के साथ किए समझोतो को लागू न करने की घोर निन्दा की।