जींद : जींद की जिला जेल में विभिन्न मामलों में बंद 8 कैदियों को एड्स (एचआईवी पॉजीटिव) मिली हैं। इनमें से दो कैदियों को पहले से ही एचआईवी था, जिनका इलाज एआरटी सेंटर रोहतक से इलाज चल रहा है जबकि छह कैदी ऐसे मिले हैं, जिन्हें जांच के बाद पहली बार पता चला कि उन्हें एचआईवी है। जांच रिपोर्ट सामने के बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया है और एचआईवी पाजीटिव कैदियों का इलाज रोहतक एआरटी सेंटर से कराने के निर्देश दिए गए हैं। यह खुलासा जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला जेल में 19 से 27 जुलाई तक आयोजित किए गए स्पेशल हेल्थ चैकअप कैंप के दौरान हुआ है।
सीएमओ डॉ. संजय दहिया के नेतृत्व में एक महिला डॉक्टर व दो स्टाफ सदस्यों ने अब तक 668 कैदियों का चैकअप किया एचआईवी पॉजिटिव गए कैदियों के दो टेस्ट जींद में किए गए हैं, जिन्हें एचआईवी स्क्रीनिंग टेस्ट कहा जाता है। पहली बार एचआईवी पॉजीटिव आने के बाद अगले दिन फिर से मरीज का टेस्ट किया जाता है। यदि फिर से एचआईवी पॉजीटिव आता है तो संबंधित मरीज का फिर सीडी4 काउंट किया जाता है।
अब इन पॉजीटिव मिले कैदियों को सीडी4 काउंट के लिए रोहतक पीजीआई भेजा जाएगा। सीडी4 की रिपोर्ट आने के बाद कैदियों का इलाज शुरू किया जाता है और उन्हें एआरवी दवाई दी जाती है, जो उन्हें जीवन पर्यंत लेनी होगी। जेल अधीक्षक हरेद्र सिंह ने बताया कि जेल प्रशासन द्वारा समय-समय पर कैदियों/बंदियों के लिए हेल्थ जांच कैंप लगवाता रहता है। जो कैदी एचआईवी पॉजीटिव मिले हैं, उनमें से दो पुराने कैदी हैं, जिनका इलाज पहले से चल रहा है जबकि छह नए केस सामने हैं, जिनका इलाज जिला जेल द्वारा करवाया जाएगा। बाकी कैदियों में भी जो रोग मिले हैं, उनका इलाज भी करवाया जाएगा।
– संजय शर्मा