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एम्स को लेकर अहीरवाल में उबाल

मनेठी में बनने वाले एम्स को लेकर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की कमेटी एफएसी (फोरेस्ट एडवाइटरी कमेटी) द्वारा मंजूरी देने से मना करने के बाद अहीरवाल की राजनीति में उबाल आ गया है।

रेवाड़ी : मनेठी में बनने वाले एम्स को लेकर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की कमेटी एफएसी (फोरेस्ट एडवाइटरी कमेटी) द्वारा मंजूरी देने से मना करने के बाद अहीरवाल की राजनीति में उबाल आ गया है। इस मसले को लेकर कांग्रेस व विपक्षी दल केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को घेरने में जुट गए हैं, वहीं कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने पंजाब केसरी की खबर को ट्वीट करते हुए केंद्र व प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है।
वोट हथियाने के लिए भाजपा ने क्षेत्र की जनता से छलावा किया : सभ्रवाल
जजपा नेता श्यामसुंदर सभ्रवा ने कहा कि हरियाणा में पंचायत व जिला परिषद चुनावों से ठीक पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर द्वारा बावल की रैली में दक्षिणी हरियाणा के लिए महत्वाकांक्षी परियोजना मनेठी गांव में एम्स के निर्माण की घोषणा की थी। इस घोषणा से इस क्षेत्र के विकास की उम्मीद की किरण जगी थी लेकिन इसे अमलीजामा ना पहनाने से आंदोलनरत अहीरवाल क्षेत्र की जनता में भाजपा के प्रति वादाखिलाफी को लेकर भारी आक्रोश के मध्यनजर लोकसभा चुनाव के ठीक पहले 02 फरवरी 2019 को बजट में एम्स निर्माण की घोषणा की। 
सरकार को बजट में घोषणा से पहले वन सलाहकार कमेटी से मौका मुआयना करवाना चाहिए था। सरकार ने मात्र वोट हथियाने के लिए इस क्षेत्र की जनता के साथ छलावा किया। सरकार को अपनी बात पर अडिग रहते हुए मनेठी में ही एम्स का निर्माण करना चाहिए अन्यथा भाजपा को होने वाले विधानसभा चुनाव में इसका भारी खामियाजा भुगतना पड़ेगा। इलाके के हित व भविष्य के लिए मजबूती से पहले की तरह इस संघर्ष में हर प्रकार के योगदान के लिए तैयार हैं। 
इलाके के साथ हो रहे धोखे को इनेलो सहन नहीं करेगी : डा. राजपाल
वहीं, इनेलो जिला प्रधान डॉ राजपाल यादव व प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट रजवन्त डहीनवाल ने कहा कि दक्षिण हरियाणा के लोगों के लंबे सँघर्ष के बाद मनेठी में एम्स की उम्मीद जगी थी। जिस पर पहले मुख्यमंत्री और बाद में प्रधानमंत्री की सहमति मिलने के बाद मनेठी एम्स निर्माण  होना था, लेकिन उस वक्त इलाके में मायूसी छा गयी जब वन सलाहकार समिति द्वारा इस जगह को उपयुक्त नहीं बताकर रोड़ा अटका दिया। 
ये घोषणा केवल चुनावों में वोट बटोरने तक सीमित थी। इस इलाके ने एम्स की मांग मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद शुरू हुई है, जिसे अमलीजामा पहनाया जाना सरकार का दायित्व बनता है। यही नहीं जब इलाके के लोगों ने आवाज उठाई एम्स के निर्माण के मामले में प्रधानमंत्री ने अपनी सहमति जताते हुए उसके निर्माण की बात कही व अपनी जीत से उत्साहित होकर इलाके की जनता ने चुनाव में बीजेपी को भारी बहुमत से जिताने का काम किया और अब बीजेपी की सरकार इस मामले को उलझा कर इस इलाके के साथ बड़ा धोखा करने की कोशिश कर रही है। जिसको इंडियन नेशनल लोक दल पार्टी कभी भी सहन नहीं करेगी।
एम्स के  आड़े आ रही बाधाओं को दूर करे सरकार : स्वराज इंडिया पार्टी
उधर, स्वराज इंडिया पार्टी ने भी मनेठी एम्स में अडंगा अड़ाने की तीखी भत्र्सना की है। पार्टी पदाधिकारियों ने कहा कि वन विभाग द्वारा आपत्ति के बाद  एक बार फिर इलाके के लोग ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। क्योकि स्वराज इंडिया पार्टी ने समर्थन ही नहीं अपितु एम्स संघर्ष समिति के साथ कंधे से कंधा मिला कर संघर्ष व सहयोग किया है। जिस बात की आशंका पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेन्द्र यादव ने की थी, वो सच साबित होती नजर आ रही है। 
दुर्भाग्य से इलाके के सांसद और केंद्रीय मन्त्री इसके प्रति उदासीन हैं। हरियाणा सरकार का रवैया रेवाड़ी में एम्स के प्रति जग-जाहिर है। अब वे नेता लोग भी चुप हैं जो लोकसभा चुनाव के दौरान इस एम्स को लाने का सारा श्रेय स्वयं ले रहे थे। पार्टी  हरियाणा सरकार से मांग करती है  मनेठी मे एम्स निर्माण के बीच आ रही सभी बाधाओं को दूर करे। वर्ना इलाके के लोग संघर्ष करना भूले नहीं है।
– शशि सैनी

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