हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने नागरिकों और समाजसेवी संस्थाओं से महिला सशक्तिकरण के लिए सकारात्मक एवं प्रगतिशील सोच अपनाने, प्रदेश में लिंगानुपात संतुलित करने हेतु कन्या भ्रूण हत्या पर रोक लगाने का संकल्प लेने तथा बेटियों को जीवन में आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करने का आहवान किया है। श्री आर्य ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आज यहां आयोजित एक राज्यस्तरीय कार्यक्रम में अपने सम्बोधन में यह बात कही।
उन्होंने इस अवसर पर महिला हैल्पलाईन टॉल फ्री नम्बर 181 तथा यौन उत्पीड़न टूल किट का लोकार्पण किया तथा प्रदेश की 23 महिलाओं को विभिन्न शौर्य पुरस्कारों से तथा महिलाओं के लिए पोषण योजनाओं के सफल क्रियान्यन एवं सुधार हेतू पंचकूला के उपायुक्त डा.बलकार सिंह, रेवाड़ के उपायुक्त अशोक कुमार शर्मा और कुरूक्षेत्र के उपायुक्त डा. एस. एस. फुलिया को सम्मानित किया।
उन्होंने लिंगानुपात में सुधार लाने पर जींद के उपायुक्त आदित्य दहिया, रेवाड़ के उपायुक्त अशोक कुमार शर्मा और महेंन्द्रगढ़ की उपायुक्त डा। गरिमा मितल को भी सम्मानित किया। राज्यपाल ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक बधाई देते हुए कहा कि ‘‘यत्र नार्यस्तु पूजयंते, रमंते तत्र देवता,‘‘ जहां नारी का सम्मान होता है वहां देवताओं का वास होता है। भारतीय संस्कृति में नारी को देवी का स्थान दिया गया है। देश में माँ दुर्गा को शक्ति की देवी, लक्ष्मी को धन की देवी, सरस्वती को विद्या और ज्ञान की देवी माना गया है। साथ ही माता सीता, पार्वती, सावित्री और माँ काली का नाम भी श्रद्धापूर्वक लिया जाता है और घर-घर में उनका पूजन होता है।
उन्होंने कहा कि देश और समाज के निर्माण में महिलाओं की अहम् भूमिका होती है। महिलाओं की रचनात्मक भूमिका के बिना समाज का विकास सम्भव नहीं है। हमारे वेद और ग्रंथ नारी शक्ति के योगदान से भरे पड़ हैं। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई, महारानी अहिल्याबाई होल्कर और रानी दुर्गावती ने अपनी वीरता का परिचय देकर विश्व को नारी की ताकत दिखाई थी। इक्कीसवीं सदी में देश की चहुंमुखी प्रगति में महिलाएं हर क्षेत्र में पुरूषों के साथ कदम से कदम मिलाकर योगदान दे रही हैं। श्री आर्य ने कहा कि प्रजातांत्रिक प्रणाली में महिलाओं को सम्मानित स्थान देने के लिए सरकार ने पंचायती राज व्यवस्था में आरक्षण का प्रावधान किया है।
आरक्षण मिलने से देश और प्रदेश के विकास में महिलाओं का उल्लेखनीय योगदान रहा है और महिलाएं सशक्त हुई है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद, मोदी ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री मातृ योजना, उज्जवला योजना, महिला हेल्पलॉइन, नारी शक्ति पुरस्कार योजना, निर्भया योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ओ, सबका साथ -सबका विकास आदि योजनाएं शुरू की हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य में भी महिलाओं के लिए योजनाओं को कारगर ढंग से लागू कर महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी गई है। यह गर्व की बात है कि ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ओ’ अभियान में तो राज्य ने उल्लेखनीय उपलब्धि प्राप्त की है। इसके फलस्वरूप वर्ष 2014 में लिंगानुपात 871 था जो अब बढ़कर 929 हो गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की महिलाएं 69 प्रतिशत उच्च शिक्षा में शिक्षित है जिससे प्रदेश महिला साक्षरता के मामले में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हुआ है। इस अवसर पर महिला एवं बाल विकास मंत्री कविता जैन और सांसद रतनलाल कटारिया तथा अन्य गणमान्य उपस्थित थे।