रोहतक : नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विपक्ष पर हिंसा करने के जो आरोप लगाए है, वह सही नहीं है। कांग्रेस पार्टी कभी भी हिंसा की पक्षधर नहीं रही है, यह पार्टी महात्मा गांधी द्वारा दिए गए अहिंसा के सिद्धांत से निकल बनी है। केन्द्र सरकार को इस कानून को लेकर आरोप लगाने की बजाए लोगों के मन में जो संशय है, उनको दूर कर केन्द्र सरकार को जबाव देना चाहिए।
पूर्व सीएम ने झांरखड चुनावों के आए नतीजों को लेकर कहा कि हरियाणा, महाराष्ट्र व झारखड ने देश में भाजपा को उसकी स्थिति से अवगत करा दिया और लगातार भाजपा का ग्राफ गिर रहा है। सोमवार को नेता प्रतिपक्ष भूपेन्द्र सिंह हुड्डा रोहतक पहुंचे और अपने आवास पर कार्यकत्र्ताओं से मुलाकात की। बाद में पत्रकारो से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर केन्द्र सरकार विपक्षी दलो को हिंसा व आगजनी का जिम्मेदार मान रही है, जबकि भाजपा को अपने अंदर झांकना चाहिए और देश की स्थिति को समझना चाहिए।
पूर्व मुख्यमंत्री ने संशोधन कानून को लेकर जो आगजनी व हिंसा हुई है उसकी निंदा की और कहा कि भाजपा को भी सोचना चाहिए कि आखिर इतने बडे स्तर पर जो विरोध हो रहा है, उसके पीछे क्या कारण है। देश की जनता को इस कानून को लेकर केन्द्र सरकार ने अपनी बात रखनी चाहिए और स्पष्ट करे कि आखिर इस बिल का विरोध क्यों हो रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस तो हमेशा से ही अहिंसावादी पार्टी रही है।
हिंसा करना कांग्रेस की संस्कृति नहीं है। देश की जनता को पता है कि यह पार्टी महात्मा गांधी के अहिंसा के सिद्धांत से निकली हुई है। इसके अलावा उन्होंने प्रदेश की गठबंधन सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि यह सरकार न तो किसानों की है और न ही आम आदमी की। उन्होंने कहा कि आज किसानों को न्यूनतम मूल्य तक नहीं मिल रहा है और आने वाली गेहूं की फसल को लेकर भी सरकार कोटा तय करने में जुटी है, जो किसान के हित में नहीं होगा।
प्रदेश में हुई बेमौसम बारिश ने पहले ही किसानों की हालत खस्ता कर दी है, काफी जमीन पर तो गेहूं की फसल की बुआई तक नहीं हो पाई है और सिर्फ विशेष गिरदावरी करवाने के दावे किए जा रहे है, जबकि धरातल पर तो कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि पांच साल प्रदेश में भाजपा की सरकार रही, लेकिन इस दौरान बेरोजगारी व क्राइम के मामले में हरियाणा नंबर एक पर पहुंच गया है।
यही नहीं 2012 में कांग्रेस शासनकाल के दौरान हरियाणा में बेरोजगारी की दर हरियाणा में लगभग तीन प्रतिशत थी, लेकिन अब वह बेरोजगारी की दर 28 प्रतिशत तक पहुंच गई है। वहीं उन्होंने डीप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला को लेकर भी कहा कि वे बखूबी जानते हैं के विपक्ष के नेता के तौर पर उन्हें अपनी ड्यूटी किस तरह से निभानी है। दुष्यंत चौटाला केवल अपना काम देखें।