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एजेएल प्लॉट अलॉटमेंट  मामला : ईडी की विशेष कोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा पेश

बहुचर्चित एजेएल प्लॉट आवंटन मामले में पंचकूला में ईडी की विशेष कोर्ट में सुनवाई हुई और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पेश होने पहुंचे।

पंचकूला : बहुचर्चित एजेएल प्लॉट आवंटन मामले में पंचकूला में ईडी की विशेष कोर्ट में सुनवाई हुई और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पेश होने पहुंचे। पिछली सुनवाई में हुड्डा और वोहरा को बड़ी राहत मिली गई थी। ईडी कोर्ट ने बचाव पक्ष की याचिका पर फैसला सुनाया और दोनों को नियमित जमानत दे दी। 
उससे पिछली सुनवाई पर दोनों को पांच-पांच लाख के बेल बांड पर कोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत दी गई थी। इसके बाद बचाव पक्ष द्वारा नियमित जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी, जिस पर प्रवर्तन निदेशालय द्वारा अपना जवाब दायर किया गया था। उसके बाद ही विशेष ईडी कोर्ट ने दोनों को जमानत दी। 
गौरतलब है कि 24 अगस्त 1982 को पंचकूला सेक्टर-6 में 3360 वर्गमीटर का प्लॉट नंबर सी-17 तत्कालीन मुख्यमंत्री भजनलाल ने एजेएल प्रकाशन समूह के हिंदी अखबार नवजीवन को आवंटित किया था। कंपनी को छह माह में निर्माण शुरू करके दो साल में काम पूरा करना था, लेकिन वह 10 साल में भी ऐसा नहीं कर पाई। इसके बाद 30 अक्टूबर 1992 को हुडा ने आवंटन रद्द करके प्लॉट को वापस ले लिया। 
14 मार्च 1998 को एजेएल की ओर से आबिद हुसैन ने चेयरमैन हुडा को प्लॉट आवंटन की बहाली के लिए अपील की। 14 मई 2005 को हुडा के चेयरमैन ने अफसरों को एजेएल कंपनी के प्लॉट आवंटन की बहाली की संभावनाएं तलाशने को कहा लेकिन कानून विभाग ने आवंटन बहाली के लिए साफ तौर पर इनकार कर दिया। 18 अगस्त 1995 को नए आवंटन के लिए आवेदन मांगे गए। इसमें एजेएल कंपनी को भी आवेदन करने की छूट दी गई। 
28 अगस्त 2005 को हुडा ने एजेएल को ही 1982 की मूल दर पर प्लॉट आवंटित कर दिया। साथ ही कंपनी को छह माह में निर्माण शुरू करके एक साल में काम पूरा करने को भी कहा। एजेएल अंग्रेजी में नेशनल हेराल्ड, हिंदी में नवजीवन और उर्दू में कौमी आवाज अखबारों का प्रकाशक रहा है। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (हुडा) की शिकायत पर राज्य सतर्कता विभाग ने मई 2016 को इस मामले में केस दर्ज किया। 
मुख्यमंत्री एचएसवीपी के पदेन अध्यक्ष होते हैं और यह गड़बड़ी भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कार्यकाल में हुई, इसलिए उनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ है। सतर्कता ब्यूरो ने 5 मई 2016 को आईपीएस की धारा 409, 420 और 120बी के तहत केस दर्ज किया था। 5 अप्रैल 2017 को राज्य सरकार ने मामला सीबीआई को सौंप दिया। सीबीआई ने हुड्डा के खिलाफ 120बी, 420 एवं सेक्टर 13 (2) आर/डब्ल्यू 13 (1) डी के तहत चार्जशीट दाखिल की।

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