चंडीगढ़ : हरियाणा में दूसरी बार सत्ता में काबिज होने की तैयारी में जुटी भारतीय जनता पार्टी किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन किए बगैर ही सत्ता में आना चाहती है जबकि पंजाब में भाजपा की दशकों से सहयोगी शिरोमणि अकाली दल हरियाणा में भी गठबंधन के लिए दबाव बना रहा है। गठबंधन की अटकलों के बीच हरियाणा भाजपा ने जहां पांव पीछे खींच लिए हैं वहीं अकाली दल ने भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष से मुलाकात के लिए समय मांग लिया है।
पंजाब में तो शिरोमणि अकाली दल तथा भारतीय जनता पार्टी के बीच लंबे समय से गठबंधन है और कठिन परिस्थितियों में भी दोनों दलों ने एक-दूसरे का साथ नहीं छोड़ा। हरियाणा में परिस्थितियां उलट रही है। यहां भाजपा पहली बार सत्ता में आई है और अकाली दल पार्टी लाइन से हटकर इनेलो के साथ गठबंधन करता रहा है। हरियाणा में अकाली दल सुप्रीमों प्रकाश सिंह बादल व अन्य नेता इनेलो के मंच से वोट मांगते रहे हैं। मौजूदा विधानसभा में अकाली दल का एक विधायक है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा एसवाईएल के मुद्दे पर हरियाणा के पक्ष में फैसला सुनाए जाने के बाद इनेलो ने अकाली दल के साथ गठबंधन तोड़ लिया था। लोकसभा चुनाव के दौरान भी दबाव बनाने के लिए अकाली दल ने अपने बल पर चुनाव लडऩे का ऐलान किया था। ऐन मौके पर भाजपा हाईकमान के दबाव के चलते अकाली दल शांत हो गया था। अब विधानसभा चुनाव से पहले अकाली दल द्वारा पंजाब में गठबंधन का हवाला देकर भाजपा पर दबाव बनाया जा रहा है। अकाली दल संख्या के आधार पर भाजपा से सीटों की मांग कर रहा है।
जिसके चलते अकाली दल द्वारा लगातार अंबाला व सिरसा जिलों में बैठकों का आयोजन किया जा रहा है। यही नहीं अब अकाली दल प्रभारी एवं राज्यसभा सांसद बलविंदर सिंह भूंदड़ ने भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के लिए समय मांग लिया है। दूसरी तरफ भाजपा अध्यक्ष सुभाष बराला ने साफ कर दिया है कि उनके पास अभी तक अकाली दल की तरफ से कोई प्रस्ताव नहीं भेजा गया है।