रोहतक: पीजीआई में सोमवार से शुरू होने वाला ट्रामा सेंटर देश का दूसरे नंबर का ट्रामा सेंटर होगा। अब अत्यंत गंभीर मरीजों को आपातकालीन की बजाए सीधा ट्रामा सेंटर में जाना पडेगा। बकायदा इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। पीजीआई कुलपति ने ट्रामा सेंटर की उपलब्धियां गिनवाई और बताया कि यह प्रदेश के लोगों को ही नहीं बल्कि साथ लगते अन्य प्रदेश के मरीजों के लिए कारगर सिद्ध होगा। कुलपति ने बताया कि आक्सीजन पाइप लाइन का पुरा काम हो चुका है और जल्द ही एक प्लांट भी लगाया जाएगा। इसके अलावा 106 बैड के आधुनिक इस ट्रामा सेंटर में तमाम सुविधाएं उपलब्ध होगी। ट्रामा सेंटर को लेकर कुलपति ने सभी विभागाध्यक्षों की बैठक ली और सोमवार से ट्रामा सेंटर को लेकर दिशा निर्देश दिए।
यह भी बताया जा रहा है कि ट्रामा सेंटर के स्टाफ को दिल्ली स्थित एलएनजेपी अस्पताल में विशेष प्रशिक्षण दिलाया गया है, ताकि किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना न करना पडे। कुलपति ने यह भी बताया कि अभी औपचारिक रूप से शुरू किया जा रहा है, जो भी सुविधाएं बची हुई है, उन्हें भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा। वीरवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए पीजीआई के कुलपति डॉ. ओपी कालरा ने बताया कि प्रदेश वासियों के लिए ट्रामा सेंटर की बडी सौगात है। ढाई साल के अथक प्रयास के बाद इसे शुरू किया जा रहा है और सभी सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है। गोरखपुर जैसा हादसा न हो इसके लिए बकायदा आक्सीजन गैस फूल सुरक्षा के बीच लगाई गई है और प्रशिक्षित निगरानी में यह काम किया गया है।
उन्होंने बताया कि ट्रामा सेंटर का जिम्मा न्यूरो सर्जन डॉ. ईश्वर सिंह को सौंपा गया है। बड़ी बात तो यह है कि अब गंभीर मरीज को एक छत के नीचे ही ईलाज के लिए तमाम सुविधाएं मिलेगी। कुलपति ने बताया कि जिस तरह से विदेशी अस्पतालों में सुविधाएं मिलती है, उसी तर्ज पर ट्रामा सेंटर शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि साढे 14 करोड के बजट से सेंटर को वातानुकुलित किया गया है। इसके अलावा नर्स, वरिष्ठ चिकित्सक, सुरक्षाकर्मी, बैरर सहित कर्मचारियों व अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंप दी गई है। सेंटर के प्रथम तल पर ही दवाईयों के लिए कक्ष बनाया गया है और सभी तरह की जांच व दवाईयां मुफ्त होगी और मरीजों को किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना नहीं करना पडेगा।
सोमवार से आपातकालीन की बजाए मरीजों को ट्रामा सेंटर में लाया जाएगा। उन्होंने बताया कि 1980 में पीजीआई में ट्रामा सेंटर खोलने का विचार किया गया था, लेकिन किसी वजह से योजना सिरे नही चढ पाई थी और अब 37 साल के बाद प्रदेश वासियों को ट्रामा सेंटर की सौगात मिलने जा रही है। दस आधुनिक आप्रेशन थियेटर बनाए गए है, जोकि तमाम सुविधाओं से सुसृज्ति होगे। पूरे ट्रामा सेंटर को तीन जोनो में बांटा गया है और आपातकालीन की सभी दवाईयां यहां उपलब्ध होगी और 24 घंटे 35 डाक्टरों की विशेष निगरानी रहेगी। इस अवसर पर डॉ. रोहताश यादव, डॉ. एमएस गुप्ता, डॉ. संदीप, डॉ. सरिता, डॉ. संजय तिवारी, डॉ. प्रशांत, डॉ. कुंदन मित्तल सहित अन्य वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी मौजूद रहे।
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(मनमोहन कथूरिया)