रोहतक से लेकर सिरसा, हिसार, भिवानी तक हुड्डा, भजनलाल, बंसीलाल व देवीलाल परिवारों की हार ने पूरी कांग्रेस को हिला कर रखा दिया है। कांग्रेसी दिग्गज इस हार से सदमे में हैं। कुलदीप बिश्नोई ने आदमपुर में भव्य बिश्नोई के हारने के बाद भावुक होकर भाषण दिया उस वक्त वहां मौजूद लोगों की सहानुभूति भी झलक रही थी।
दीपेन्द्र हुड्डा ने हार के अगले दिन सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर भाईचारा कायम रहने और प्रधानमंत्री मोदी व रोहतक से भाजपा उम्मीदवार को बधाई दी उससे उन्होंने सहानुभूति लेने का पूरा प्रयास किया है। पूर्व प्रधानमंत्री ओमप्रकाश चौटाला आज जेल से पेरोल पर बाहर आ रहे हैं वह भी सिरसा और हिसार जाएंगे। लोगों से मिलेंगे।
भाषण कला में माहिर चौटाला इस दौरान राजनीतिक बातें भी करेंगे और पार्टी की हार पर जो प्रतिक्रिया देंगे उसमें सहानुभूति बटोरने का काम भी होगा इसलिए हरियाणा भाजपा इस बैल्ट की अहमियत को समझते हुए इसमें अपने पैर जमाने की पूरी कोशिश रही है।
भाजपा को विपक्ष के अगले कदमों का इंतजार है, कि वह किसर रणनीति के तहत विधानसभा चुनावों में उतरेगा। भाजपा के पक्ष में हरियाणा में जो माहौल अब है वैसा 2014 में भी नहीं था। मगर इस बैलट पर वह अपना दबदबा कायम रखने में सफल रही विधानसभा चुनाव में कांग्रेस व क्षेत्रीय दलों को पीछे धकेल सकती है।
खट्टर मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चाएं
वैसे तो विधानसभा चुनाव को मुश्किल से 100 दिन बचे हैं मगर फिर भी हरियाणा मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। श्रम राज्य मंत्री नायब सिंह सैनी कुरुक्षेत्र से भाजपा टिकट पर चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंच हैं। उन्हें खट्टर मंत्रिमंडल से इस्तीफा देना पड़ेगा। इसके बाद राज्य कैबिनेट में एक मंत्री पद रिक्त हो जाएगा।
हालांकि मंत्रिमंडल में फेरबदल की चर्चाओं को भाजपा के वरिष्ठ नेता इंकार करते हैं फिर भी मुख्यमंत्री की मर्जी पर है कि वह एक विधायक को मंत्री बनाएं या फिर सैनी का मंत्रालय अपने पास रखें या किसी अन्य मंत्री के साथ अटैच कर दें।
चर्चाएं हैं कि अगर फेरबदल होता है तो रोहतक से विधायक व मंत्री मनीष ग्रोवर का कद और बढ़ सकता है। ग्रोवर को और ज्यादा प्रभावशाली बनाकर मुख्यमंत्री रोहतक जिले में भाजपा को बड़े और ज्यादा मजबूत करना चाहते हैं।
कैबिनेट बैठक में खुलेगा रियायतों का पिटारा
लोकसभा चुनाव संपन्न होने की अधिसूचना 27 मई को जारी होने के बाद प्रदेश सरकार किसी भी समय कैबिनेट बैठक बुला सकती है। चुनाव बाद पहली बैठक में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अनेक अहम और जनहित के निर्णय लिए जाएंगे। सरकार हर वर्ग के लिए रियायतों का पिटारा भी खोलने वाली है।