लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

लोकसभा चुनाव पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

सरकार के खिलाफ गरजी आंगनबाड़ी वर्कर्स

NULL

गुरुग्राम : सीटू के नेतृत्व में आंगनबाड़ी वर्कर्स एवं हैल्पर्स यूनियन गुरुग्राम की कर्मियों ने शुक्रवार को कमला नेहरू पार्क में सभा का आयोजन कर अपनी मांगों के लिए आन्दोलन शुरु किया है। राज्य व्यापी आन्दोलन की कड़ी में जिला मुख्यालय पर जोरदार आक्रोश प्रदर्शन किया तथा अपनी मांगों का ज्ञापन उपायुक्त गुरूग्राम के माध्यम से हरियाणा के मुख्यमंत्री के नाम भिजवाया। सभा की अध्यक्षता पटौदी ब्लॉक प्रधान सुलोचना, ग्रामीण ब्लॉक प्रधान शारदा, अर्बन की प्रधान सरला व कमलेश, फारुख नगर प्रधान कला देवी, बोहडा़ कलाँ सर्कल की सुशीला तथा सोहना प्रधान संतोष ने संयुक्त रूप से की तथा संचालन जिला सचिव सरस्वती ने किया। जिला सचिव ने योजनकर्मियों को संबोधित करते हुये कहा कि प्रदर्शन के बाद 17 से 27 फरवरी तक तमाम ब्लाकों में बड़ी सभाएं व प्रदर्शन होंगे। 6 मार्च को रोहतक में वर्कर्स व हैल्पर्स का राज्य स्तरीय महासम्मेलन किया जाएगा। जिसमें आगामी बड़े आंदोलनों का ऐलान किया जाएगा।

आन्दोलन का यह एलान राज्य की भाजपा सरकार के खिलाफ अपने हकों को पाने तक बड़े व निरंतर संघर्षों की शुरूआत होगी। आन्दोलन ऐसा जो पूरी तैयारी के साथ होगा व जीत के साथ ही लिया जाएगा। ऐसे संघर्षों के लिए सीटू संबन्धित यूनियनो का इतिहास रहा है। सी आई टी यू के राज्य अध्यक्ष कामरेड सतवीर सिंह ने योजना कर्मियों को संबोधित करते हुये कहा कि आई सी डी एस को शुरू हुए 43 वर्ष से ज्यादा हो इसमें कार्यरत वर्कर्स व हैल्पर्स को कर्मचारी का दर्जा तो दूर, अब तक इन्हें मजदूर तक नहीं माना जाता। हरियाणा भर में लगभग 51 हजार वर्कर्स व हैल्पर्स इसके अन्तर्गत काम कर रहीं हैं।

जिस समय नियुक्ति की गई तब छह सेवाएं व पांच उद्देश्य का कार्यभार सौंपा गया थाए लेकिन आज वर्कर्स व हैल्पर्स से तरह-तरह की बेगार करवाई जा रही है। इतनी मेहनत व इतनी लंबी सेवा के बावजूद आंगनबाड़ी वर्कर को मात्र 8140 रूपये मिल रहे है। जबकि हैल्पर को मात्र 3820 रूपये ही दिये जा रहे हैं। 40-40 साल सेवा देने के बावजूद इतनी कम मानदेय और रिटायरमैंट के समय एक रूपयें तक का कोई लाभ नहीं है। केन्द्र व राज्य की भाजपा सरकारें महिलाओं मेहनत का आँख मून्ध कर शोषण कर रही है।

जो स्वीकार्य नहीं है और इसका डट कर मुकाबला व विरोध करने कि जरूरत है। सी आई टी यू के जिला कोषाध्यक्ष शंकर प्रजापति ने परियोजना कर्मियों की मांगों का समर्थन में कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं कि आंगनवाड़ी में कार्यरत वर्कर्ज तथा हेल्पर्ज को उनका वाजिब हक दिया जाए तथा न्यूनतम वेतन 18000 रूपये से कम नहीं होना चाहिए। उन्होने कहा कि हरियाणा की भाजपा सरकार भी वर्कर्स व हैल्पर्स विरोधी फैसले ले रही है। लंबे समय से ये परियोजना कर्मी राज्य में अपनी मांगों को लेकर आन्दोलन कर रही है। लेकिन सरकार इनकी मागों का कोई समाधान नहीं कर रही है। के मानदेय में मात्र 640 रूपये तथा हेल्पर्ज के लिए केवल 70 रूपये की मामूली बढ़ोतरी कर सरकार वाहवाही लूटना चाहती है।

यह सरासर धोखधाड़ी व मजाक है। परियोजनाओं में कार्यरत सभी परियोजना कर्मियों को पूरा वेतन, पैंशन सहित सामाजिक सुरक्षा लाभ व कर्मचारी का दर्जा मिलना चाहिए। अपनी मांगों के बारे दिये गए ज्ञापन में आंगनवाड़ी कर्मियों ने मांग की है कि आंगनवाड़ी वर्कर्स को तीसरे एवं हैल्पर्स को चैथे दर्जे का सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। तब तक न्यूनतम वेतन 18000 रूपये दिया जाए। मानदेय का भुगतान नियमित हो। 14 जून 2017 को विभाग की निदेशिका द्वारा वर्कर्स एवं हैल्पर्स के धरने प्रदर्शन में हिस्सा लेने पर रोक लगाने के पत्र को तुरंत निरस्त किया जाए। शहरो में आंगनबाडी केन्द्र का किराया 6000 व गांवो में 3000 मासिक हो व नियिमत रूप से किया जाए। गर्मी, सर्दीयों की छुट्टिया सरकारी स्कूलो के अनुसार की जाए। राशन की सप्लाई मीनू के हिसाब से व पूरे तौल के अनुसार दी जाए।

आंगनबाड़ी केन्द्रों में खाना मदर ग्रुप द्वारा ही बनवाया जाए व उनके मेहनताने में वृद्धि की जाए। आंगनबाड़ी केन्द्रों में सरकार द्वारा हाजिरी सुनिश्चित करवाई जाए। हैल्पर से वर्कर व हैल्पर से सुपरवाईजर पदोन्नति की जाए। हैल्पर की वर्दी का रंग बदला जाए। निजीकरण पर रोक लगे व विभाग के लिए प्रयाप्त बजट का प्रावधान किया जाए। आई सी डी एस में डिब्बा बंद भोजन व प्रत्यक्ष सशर्त कैश ट्रान्सफर को लागू करने के कदम पर तुरन्त रोक लगाई जाए। आई सी डी एस का किसी भी प्रकार से निजीकरण बंद किया जाए। 45वें श्रम सम्मेलन की सिफारिश अनुसार वर्कर्स को न्यूनतम वेतन व सामामजिक सुरक्षा प्रदान की जाए। स्थानीय मांगों का एक ज्ञापन सी डी पी ओ नेहा दहिया को भी दिया गया। जिसके लिए उन्होने कर्मियों के साथ बैठक कर समस्याओं का समाधान करने कि बात कही।

अधिक लेटेस्ट खबरों के लिए यहाँ क्लिक  करें।

– सतबीर, अरोड़ा

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

eleven − 11 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।