भाजपा विधायक संगीत सोम के द्वारा ताजमहल पर दिए गए बयान के बाद विवाद गहराता ही जा रहा है। संगीत सोम के बयान के बाद कई बीजेपी सांसद और विधायकों ने भी उनके समर्थन में बयान देकर इस विवाद को हवा देने का काम किया है। अब ऐसे में हरियाणा की खट्टर सरकार में मंत्री अनिल विज के एक ट्वीट से फिर से बखेड़ खड़ा हो सकता है। दरअसल, अनिल विज ने ट्वीट कर कहा है कि ताजमहल एक खूबसूरत कब्रिस्तान है।
दरअसल यह विवाद संगीत सोम के बयान के बाद शुरू हुआ था। सोम ने कहा था कि ताजमहल भारतीय संस्कृति पर एक धब्बा है। उन्होंने इतिहास को गलत तरीके से पेश करते हुए यह भी कहा कि 17वीं शताब्दी में संगमरमर की यह इमारत बनवाने वाले शाहजहां ने अपने पिता को जेल में डाल दिया था और वह देश से हिंदुओं का नामो निशान मिटा देना चाहता था।
वही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि यह मायने नहीं रखता कि इसे (ताजमहल) किसने और क्यों बनाया। यह भारतीय मजदूरों के खून-पसीने से बनाया गया है।
ताज महल विवाद में दखल देते हुए फायर ब्रांड बीजेपी नेता विनय कटियार ने कहा था कि ताज महल हिन्दू देवता भगवान शिव का मंदिर है। इसे सैकड़ों साल पहले तेजो महल के नाम से जाना जाता था लेकिन मुगल राजा शाहजहां ने इसे ताज महल में बदल दिया था। विनय कटियार ने बताया, ‘ताजमहल हिन्दू मंदिर है। जिसको तेजो महल कहा जाता था। इतिहासकार पीएन ओक की एक किताब भी ऐसा ही कहती है। शाहजहां ने इस जगह पर अपनी पत्नी को दफनाने के बाद इसे मकबरे में बदल लिया था। ताज महल पर इस विवाद की शुरुआत तब हुई जब उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने इसे पर्यटन स्थलों की सूची से बाहर कर दिया था।
आजम खान ने कहा था कि मैं पहले से इस राय का हूं कि गुलामी की उन तमाम निशानियों को मिटा देना चाहिए जिससे कल के शासकों की बू आती हो। जाहिर है ये सच है कि मुगल हिंदुस्तान पर काबिज हुए। किन हालात में आए। कौन लेकर आया। ये बहस अगर होगी तो बहस पर कड़वाहट आ जाएगी। और लोग हमारी बात का बुरा मानेंगे। आजम खा ने कहा कि मैंने तो पहले ही कहा था कि अकेले ताजमहल ही क्यों पार्लियामेंट, राष्ट्रपति भवन, कुतुबमीनार, दिल्ली का लाल किला ये सब गुलामी की निशानियां हैं। हम बादशाह से अपील करते हैं और हमने छोटे बादशाह से तो कहा है कि चलो आप आगे, हम आपके साथ चलेंगे।