चंडीगढ़ : हरियाणा में सरकारी कर्मचारियों की पुरानी पेंशन स्कीम को दोबारा लागू करने की मांग जोर पकड़ रही है। कर्मचारियों को इस मुद्दे पर पूर्व मुख्यमंत्री और हरियाणा विधानसभा में नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा का समर्थन मिला है। कर्मचारी नेताओं ने इस मांग को विधानसभा में उठाने के लिए हुड्डा से मुलाकात की। इसके अलावा सर्व कर्मचारी संघ ने आंदोलन का ऐलान कर दिया है।
संघ ने 19 जनवरी को रोहतक में राज्य स्तरीय बैठक बुलाई है, जिसमें आंदोलन की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जाएगा। हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मिलने आए कर्मचारियों को भरोसा दिलाया कि विधानसभा के विशेष सत्र में पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने का मुद्दा कांग्रेस जोरदार ढंग से उठाएगी। पेंशन बहाली संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल ने हुड्डा से मुलाकात कर कहा कि इस स्कीम के लागू नहीं होने से लाखों कर्मचारियों को नुकसान हो रहा है।
पूर्व सांसद दीपेंद्र हुड्डा भी कई बार कर्मचारियों की इस मांग को उठा चुके हैं। दीपेंद्र हुड्डा कर्मचारियों के साथ सड़क पर और भूपेंद्र सिंह हुड्डा पार्टी विधायकों के साथ सदन में इस मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति बना रहे हैं। कर्मचारियों से बातचीत के दौरान भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार को बताना चाहिए कि पुरानी पेंशन स्कीम पर उसका क्या स्टैंड है। क्या इसे कॉमन मिनिमम प्रोग्राम में जगह दी जाएगी? क्या जजपा 5100 रुपये बुढ़ापा पेंशन को इसमें शामिल करेगी या कर्मचारियों की तरह बुजुर्गों से भी धोखा किया जाएगा?
नई और पुरानी पेंशन स्कीम का अंतर
सर्व कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुभाष लांबा ने कहा कि सरकार एनपीएस रद कर पुरानी पेंशन बहाल करने का प्रस्ताव तक विधानसभा में पारित कर केंद्र सरकार को भेजने के लिए तैयार नहीं है। लांबा के अनुसार, 2003 मेंं केंद्र मेंं सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने पेंशन फंड डवलपमेंट रेगुलेटरी अथॉरिटी बिल का ड्राफ्ट स्वीकृत कर एक कार्यकारी आर्डर से जनवरी 2004 से (सेना को छोड़कर) देश में एनपीएस लागू कर दी थी।
हरियाणा में एनपीएस जनवरी 2006 से लागू की गई है। सुभाष लांबा ने कहा कि इस स्कीम के अनुसार जनवरी 2004 के बाद सेवा में आए कर्मचारियों के मूल वेतन व डीए का दस प्रतिशत अंशदान के रुप में कटता है और इतना ही सरकार को जमा करवाना होता है।
रिटायरमेंट के समय कुल जमा राशि का 60 प्रतिशत नकद मिलता है और 40 प्रतिशत राशि को शेयर मार्केट मे निवेश किया जाता है। शेयर मार्केट के उतार चढाव से पेशन का निर्धारण होता है, जो मुश्किल से एक हजार से दो हजार के बीच मे होता है। पुरानी पेंशन स्कीम मे रिटायरमेंट के समय यानी अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत निर्धारित पेंशन मिलती है।