चंडीगढ़ : पूर्व मुख्यमन्त्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उसे अनावश्यक रूप से लोगों को परेशान करना रूचिकर लगता है। ताजा उदाहरण आढ़तियों को परेशान करना है। जो कई दिनों से ई-ट्रेडिंग प्रणाली के विरोध में धरने पर बैठे हैं। 25 मार्च को आढ़तियों से बातचीत के बाद मुख्य मन्त्री ने उनकी मागों को स्वीकार किया था पर तीन दिन बाद 28 मार्च को ही सरकारी आदेश सहमति के उल्ट जारी कर दिए गए, जिससे आढ़तियों का आक्रोशित होना स्वाभाविक था।
आढ़तियों की हड़ताल-स्वरूप गेहूँ की खरीद प्रभावित हुई है, जिससे किसान सकते में हैं। सरकार को नहीं मालूम कि आढ़तियों का मुद्दा न सुलझने से किसानों को कितनी दिक्कत हो रही है व उसका कितना नुकसान हो रहा है। हुड्डा ने कहा कि मुख्यमन्त्री रो शो बेशक करें पर वो किसानों की परेशानियों को नजरन्दाज न करें। किसान पहले ही सरसों खरीद की शर्तों व गन्ने के बकाया से संकट में थे व अब गेहूँ खरीद में आये अवरोध से उनकी परेशानी और बढ गई है।
सरकार को मामले की गम्भीरता समझते हुए इसे हल करने की पहल करनी चाहिए वर्ना उसे उसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। सरकार पहले भी कहती आई है कि आढ़तियों ने हड़ताल वापिस ले ली है परन्तु अब सरकार अपने निर्णय पर कायम रहे। पहले की तरह पुर्नवृति नहीं होनी चाहिए।
पूर्व मुख्यमन्त्री ने सरकार की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि वो केवल हवा में तीर छोड़ना जानती है। धरातल पर क्या हो रहा है या क्या करना है, बिल्कुल नहीं जानती। यह सरकार की अनुभवहीनता है या कोई लाचारी है या उसे लोगों को कष्ट देने में ही आनन्द आता है, यह वही जाने।
(आहूजा)