केंद्र द्वारा बनाए तीनों नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं, उनके प्रदर्शन पर अक्सर कई सवाल उठते रहे हैं और कई आरोप भी लगते रहे हैं। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने किसान संगठनों के आंदोलन की आड़ में में विभिन्न स्थानों पर दलितों पर हो रहे हमलों की निंदा की है।
राज्य के पूर्व मंत्री और पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कृष्ण लाल पंवार ने आज जारी एक बयान में आरोप लगाया कि कुछ लोग किसान आंदोलन की आड़ लेकर लगातार दलितों पर हमले कर रहे हैं। उन्होंने गाजीपुर बॉर्डर पर उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रदेश सचिव अमित वाल्मीकि पर हुए हमले की निंदा करते हुए कहा कि प्रदर्शनकारियों की ऐसी हरकतों से उनकी मंशा में खोट नजर आ रहा है।
उन्होंने कहा कि ऐसे लोग किसान नहीं हो सकते, क्योंकि किसान ऐसी ओछी हरकत नहीं कर सकता। ऐसी घटना के पीछे जिन असामाजिक तत्वों का हाथ है वे कभी अपने लक्ष्य में कामयाब नहीं हो सकते। वे समाज और किसानों को भड़काने का काम कर रहे हैं। पंवार ने कहा कि गत दिनों हरियाणा और दिल्ली के बॉर्डर पर भी एक के बाद एक कई ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं जिसकी वजह से राज्य और देश के दलित समाज में भय का माहौल बना हुआ है।
उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के नाम पर दलितों पर आये दिन तरह-तरह की वारदातें हो रही हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था में आंदोलन की आड़ लेकर राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं की पूर्ति के लिए सारे नियमों को ताक पर रखना ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य और केंद, की सरकारें किसानों की भलाई के लिए बढ़ चढ़ कर कार्य कर रही है। गत कुछ दिनों से हो रही घटनाओं से लगता है कि आंदोलनकारी दिशा से भटक चुके हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि किसान नेता अपनी राजनीतिक इच्छा पूर्ति के लिए भोले भाले किसानों का इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन लोग इन्हें समझेंगे और इनकी बातों में नहीं आएंगे। पंवार के अनुसार भाजपा ने उत्तर प्रदेश में अमित वाल्मीकि को सचिव जैसा पद देकर दलितों का मान बढ़या है जो कई लोगों को हजम नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का अनुसूचित मोर्चा दलितों के प्रति भावना रखते हुए इस अमिल बाल्मिकी पर हुये हमले की घोर निंदा करता है।