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भाजपा -जजपा ने जुमलेबाजी करके वोट हथियाने का काम किया: अभय

हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में राज्यपाल महोदय के अभिभाषण में भाजपा-जजपा की सरकार ने जल-संरक्षण बारे ध्यान देने की वचनबद्धता का गुणगान किया है। इनेलो नेता चौधरी अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भाजपा और जजपा ने जुमलेबाजी करके आम आदमी का वोट हथियाने का काम किया है जबकि संगठन की सरकार के दोनों सहयोगियों ने सत्ता प्राप्ति के बाद अपने किए वायदे रद्दी की टोकरी में डाल दिए हैं। 
महामहिम राज्यपाल के अभिभाषण में जल-संरक्षण के बारे में सरकार के रोडमैप को अगर देखा जाए तो हरियाणा में राष्ट्रीय जल मिशन के तहत जल-संरक्षण योजनाएं एवं रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भ्रष्टाचार की मिट्टी में दबती जा रही हैं। प्रत्येक जिले में 100 रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की योजना पर भी महज खानापूर्ति हो रही है। योजना लगाने वाले अधिकारी अमलीजामा पहनाने की बजाय आगे दौड़ पीछे चौड़ वाली रणनीति के तहत काम कर रहे हैं।
इनेलो नेता ने कहा कि सरकार ने जल संरक्षण योजना को अगर साफ नीयत और नीति से कामयाब करना है तो सबसे पहले हरियाणा की जीवनरेखा एसवाईएल के बारे में उच्चतम न्यायालय का फैसला लागू करवाकर नहर का निर्माण करवाएं। साउथ हरियाणा में भू-जल स्तर को बढ़ाने के लिए एसवाईएल एक उपयुक्त योजना साबित होगी जिससे किसान के खेत को पानी मिलेगा और भू-जल स्तर भी बढ़ेगा। सरकार दादूपुर-नलवी नहर योजना रद्द करके अम्बाला, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर जिलों में भू-जल स्तर को और ज्यादा डार्कजोन में डाल दिया है। 

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यह योजना जल संरक्षण के लिए इन जिलों के लिए एक वरदान साबित होती। सरकार द्वारा अगर घग्गर व मारकण्डा दरिया पर जगह-जगह बांध बनाकर जल का भंडारण किया जाए तो इससे भू-जल स्तर बढ़ेगा और सिंचाई, पीने के पानी की व्यवस्था को उचित बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने गांवों और शहरों में शौचालयों के लिए जो अभियान चलाया था उसका गंदा पानी सीधा जमीन में डालने पर नीचे का पानी गंदा हो गया है जिसकी वजह से कैंसर और पीलिया जैसी बीमारियों को बढ़ावा मिला है। 
इनेलो नेता ने कहा कि सरकार ने जोहड़ आदि खोदने के लिए अनावश्यक राशि ऐसी जगह पर खर्च की है जिसका जल संरक्षण के लिए फायदा न के बराबर है। अगर सरकार द्वारा गांवों के जोहड़ों  को पक्का करके उसमें बारिश का पानी भण्डारण किया जाए तो भू-जल स्तर के लिए ये बेहतर तरीका होगा। सरकार को चाहिए कि प्रत्येक घर में बारिश का पानी भण्डारण करने के लिए एक योजना तैयार करनी चाहिए जिसके लिए आर्थिक सहायता देकर डिग्गी आदि बनाकर पानी का भण्डारण किया जा सकता है। 
जन स्वास्थ्य विभाग भी अपनी गैर जिम्मेदारी से नहीं बच सकता क्योंकि शहरों व गांवों में पीने का पानी गलियों और सडक़ों पर बगैर किसी रोक टोक के चलता रहता है। पानी की पाइपें जगह-जगह से लीक कर रही हैं जिसकी वजह से नागरिकों को पीने का पानी उपलब्ध नहीं होता। ऐसे पानी को जमीन में पाइपें डालकर रि-चार्जिंग के लिए प्रयोग किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जल मिशन के तहत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटियां तो गठित की गई हैं परंतु यह कमेटी सिर्फ कागजों तक ही सीमित है। सरकार को चाहिए कि इन कमेटियों की मार्फत जल संरक्षण प्रबंधन बारे प्रदेश में जिले व स्थान चिह्नित करके जल संरक्षण योजना एवं रेन वाटर हार्वेस्टिंग योजना को सुचारू रूप से लागू किया जाए। भाजपा-जजपा की सरकार ने चुनाव से पहले बुलंद वायदे किए थे कि पानी की व्यवस्था को सुचारू रूप से प्रबंधित किया जाएगा और किसानों के लिए सिंचाई, गांवों और शहरों में पीने के पानी के लिए उचित व्यवस्था की जाएगी। 
गिरते भू-जल स्तर को उठाने के लिए जल संरक्षण योजनाओं से लाभ उठाया जाएगा। विधानसभा सत्र में महामहिम से सिर्फ विजन पेश करने से सरकार का कर्तव्य पूरा नहीं हो जाता बल्कि सरकार को अपनी योजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए अपनी नीयत और नीति साफ करनी होगी, नहीं तो प्रदेश की जनता वायदे न पूरे करने पर समय पर सबक भी सिखाना जानती है।

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