रोहतक : जाटलैंड के नाम से मशहूर रोहतक हर राजनीतिक पार्टी के लिए काफी अहमियत रखता है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सीएम बनने के बाद रोहतक को सबसे ज्यादा तवज्जो दी। यही कारण रहा कि वे दो बार लगातार हरियाणा के सीएम बने। मगर वर्ष 2014 में भाजपा ने जाटलैंड से सत्ता की नींव रखी और आज यह नींव इतनी मजबूत हो चुकी है कि दोबारा भी भाजपा सत्ता की दहलीज पर ही खडी है।
अब पांच वर्ष बाद जाटलैंड में फिर भाजपा ने हरियाणा फतेह मिशन की रणनीति तैयार की है। वर्ष 2014 में विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने रोहतक में सत्ता प्राप्ति का चक्रव्यूह तैयार किया था। शाह के चक्रव्यूह में पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ऐसे फंसे की अपने गढ़ रोहतक शहर की भी सीट गंवा बैठे। इसके साथ ही उत्तरी हरियाणा का भेदभाव भाजपा के लिए काफी अहम साबित हुआ।
शाह की राह पर चलते हुए भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी विस चुनाव से पहले जीत का गुरुमंत्र देने के लिए जाटलैंड में डेरा डाला है। यही नहीं लोकसभा चुनाव से पहले भी राष्ट्रीय अध्यक्ष शाह ने दोबारा वर्ष 2017 में रोहतक में क्लीन स्वीप का प्लान तैयार किया था। इसी क्लीन स्वीप प्लान पर भाजपा ने हरियाणा की सभी 10 सीटों पर कब्जा जमाया। पिछले पांच सालों में संगठन को मजबूत करने एवं पन्ना प्रमुखों के जरिये जीत हासिल करने में प्रदेश संगठन महामंत्री भी काफी अहम साबित हुए।