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भाजपा का चिंतन शिविर महज ड्रामा

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चंडीगढ़: पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भाजपा सरकार के टिम्बर ट्रेल में तीन दिवसीय बहु प्राचारित चिंतन शिविर पर तंज कसते हुए कहा कि इसका वही हश्र होगा जो भाजपा के घोषणा पत्र में उल्लेखित स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने के वायदे का हुआ। अब भाजपा ये वायदा कर रही है कि किसान की आय दोगुना करेंगें, पर यह नहीं बतायेंगे की किस तरह करेंगे। भूपेंद्र सिंह हुड्डा के अनुसार पिछले दिनों किसान का आलू 9 पैसे किलो बिका तो क्या ये मान लिया जाए कि अगर 2022 में आलू 18 पैसे किलो बिके तो सरकार इसे दुगुनी आय मानेगी। जबकि सरकार को चाहिए कि वो किसान को उसकी फसल की लागत का 50 प्रतिशत मुनाफा दे जिसका उन्होंने अपने चुनावी घोषणा पत्र में वायदा किया था। किसान की आय दोगुना करने का मात्र यही तरीका है पर सरकार उसपर अब केवल लीपापोती कर रही है।

उन्होंने कहा कि बड़ी विचित्र बात है कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू ना करने बाबत सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देने वाले भाजपाई अब किसान की आय दुगुनी करने के बहाने लाखों रुपए बहाकर प्रदेश से बाहर चिंतन कर रहे हैं। जबकि हकीकत ये है कि भाजपा सरकार में मंत्रियों में आपस में कोई सामंजस्य नहीं है ऐसे में तीन दिन के चिंतन शिविर से कुछ हासिल होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि इस सरकार का स्टेयरिंग किसी के हाथ में है तो ब्रेक किसी के पास यहां तक कि गाड़ी के पहिये भी एक समान नहीं है। इसलिए ये गाड़ी नहीं चल सकती और जनता की नजर में ये पूर्णतया नकारा सिद्ध हो गए हैं।

हुड्डा ने कहा कि इससे पहले भी सरकार किसान के आजीविका के मुख्य साधन ट्रैक्टर को नॉन कमर्शियल सूचि में डालने का नोटिफिकेशन जारी कर अपना असली रंग दिखा चुकी है। उन्होंने कहा कि आज किसान ना केवल फसलों के दामों के लिए चिंतित है बल्कि प्रधानमंत्री फसलबीमा की आड़ में हो रही लूट ने भी उसकी नींद उड़ा रखी है जिसपर सभी को चिंतन करने की जरूरत है। उन्होंने चिंतन शिविर में स्वास्थ्य विभाग को दूर रखने पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था तो चौपट है ही स्वास्थ्य सेवाओं का भी बुरा हाल है और डॉक्टरों और कर्मचारियों की भारी कमी है।

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(आहूजा)

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