चंडीगढ़: हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा कि वर्ष 2022 तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के किसानों की आय दोगुनी करने के विजन को साकार करने की ओर हरियाणा निश्चित रूप से आगे बढ़ रहा है तथा इस कड़ी में नववर्ष, 2018 से किसान हित में आलू, गोभी, प्याज, टमाटर की खरीद दरें निर्धारित करने के लिए ‘भावान्तर भरपाई’ नामक एक नई योजना लागू की जा रही है। हरियाणा को दुग्ध उत्पादन में देश का अग्रणी राज्य बनाना उनका लक्ष्य है। श्री धनखड़ चंडीगढ़ स्थित अपने सरकारी आवास पर हरियाणा पशुचिकित्सक परिषद् की बैवसाइट एवं त्रिमासिक विवरिणका लॉच करने के उपरान्त पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
उन्होंने पशु चिकित्सकों से आह्वान किया कि वे हरियाणा को दुग्ध की प्रति व्यक्ति, प्रति पशु तथा कुल उत्पादकता में वे हरियाणा को देश का नम्बर वन राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित करे। इसे चार बिन्दुओं पर फोकस कर इस लक्ष्य को हासिल किया जा सकता हैं, जिसमें दुधारु पशुओं की अनुवाशिकता, तापमान नियंत्रण, उत्तम गुणवक्ता का पशु चारा तथा इलैक्ट्रिॉनिक्स तकनीक से दुधारु पशु की दिनचार्या आंकलन शामिल है। ईजराइल इन तकनीकों को अपनाने में विश्व में अग्रणी है जहां का दूध उत्पादकता 32 लीटर प्रति पशु है जबकि न्यूजीलैंड के 18 व आस्ट्रेलिया की 16 लीटर है।
इजराइल और हरियाणा के भौगौलिक दृष्टि से काफी समानताएं है। इंडो- इजराइल परियोजना के तहत सब्जी व फलों के उत्कृटता केन्द्र हरियाणा में खोले गए है और शीघ्र ही अब दुग्ध उत्पादन में इजराइल के साथ उत्कृष्ता केन्द्र खोल जाएंगे। श्री धनखड़ ने बताया कि 18 से 20 दिसम्बर तक इजराइल का एक शिष्टमंडल हरियाणा के दौरे पर आ रहा है और इस दौरान समझौते ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। श्री धनखड़ ने इस बात की भी ब्राजील भारतीय नस्ल के पशुओं से 40 लीटर तक प्रति पशु दूध उत्पादकता ले रहा है। उन्होंने बताया कि विदेशी नस्ल के पशुओं के दूध में ए-1 तथा भारतीय पशुओं की नस्ल में ए-2 दूध की पौष्टिकता होती है। उन्होंने इस बात की भी जानकारी दी कि ब्राजील दौरे का भी अध्ययन दौरा शीघ्र करेंगे।
उन्होंने बताया कि चिंतन से सामूहिक निर्णय लेना भारतीय जनता पार्टी की परम्परा रही है और इससे पहले करनाल, पूसा नई दिल्ली व गुरुग्राम के चिंतन शिविरों से किसान हित के कई महत्वपूर्ण निर्णय वर्तमान सरकार ने लिए हैं। करनाल में आयोजित सिंचन-चिंतन शिविर में सिंचाई विभाग के हर खेत को पानी की योजना, हर टेल पर पानी पहुंचाने, नहरों को तालाबों से जोडऩे की नई योजना बनी। इसी प्रकार, बागवानी विभाग के चिंतन शिविर से बागवानी विश्वविद्यालय खोलने या हर जिले में कृषि उत्कृष्टïता केन्द्र खोलने, जैविक खेती, जैविक गांव, क्लाईमेटस स्मार्ट खेती व पैरी एग्रीकल्चर अवधारणा की योजनाएं उभर कर आई। एक प्रश्न के उत्तर में श्री धनखड़ ने कहा कि चिंतन से विपक्ष की चिंता होना स्वाभाविक है क्योंकि चिंतन-मंथन से अच्छे परिणाम सामने आते है और तीन दिन के चिंतन शिविर से नए सकारात्मक सुझाव प्राप्त होंगे। सरकार ने व्यापक स्तर पर सीधे संवाद की पहल की है।
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(आहूजा)