चंडीगढ़ : बीते दिन आए आंधी-तूफान से देश के कई राज्यों में मरने वालों की संख्या 43 तक पहुंच गई है और फसलों की तबाही का मंजर राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात के साथ-साथ हरियाणा में देखने को मिला है लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय को प्राकृतिक आपदा का नुकसान केवल गुजरात में ही दिखाई दिया है, जिसका प्रमाण प्रधानमंत्री ने आनन-फानन में अपने ट्वीटर हैंडल से गुजरात के कई हिस्सों में आंधी-बरसात और तूफान से हुए नुकसान पर दुख जताकर दिखा दिया है।
ये बात हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर ने आयोजित जनसभा को संबोधित करते हुए कही। डॉ. तंवर ने अपने जनसंपर्क अभियान के दौरान ओलावृष्ठि से खराब हुई किसानों की फसल का भी जायजा लिया और हरियाणा की खट्टर सरकार से बेमौसमी बरसात से खराब हुई फसल की तुरंत स्पैशल गिरदावरी करवाकर किसानों को मुआवजा देने की भी मांग की। अशोक तंवर ने कहा कि गुजरात में जिन लोगों की आंधी-तूफान से मौत हुई है, उन सभी परिवारों को प्रधानमंत्री ने दो लाख रूपये का मुआवजा और जो लोग घायल हुए है।
उन्हे 50 हजार रूपये की आर्थिक सहायता घोषित की थी जबकि राजस्थान में 11 व मध्यप्रदेश 16 लोगों की इसी दौरान मौत हुई है लेकिन वहां कांग्रेस की सरकार है, इसलिए राजस्थान और मध्यप्रदेश के लोगों के दर्द को दर्द नही समझा गया। जब मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ व राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी के इस दोहरे चरित्र पर सवाल उठाया तो प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से अन्य राज्यों के मुआवजे का ऐलान किया गया।
किसानों को दिया धोखा
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रदेश की खट्टर सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि फसल बीमा योजना के तहत किसानों को मजबूत करने की बजाय उनके खातों से पैसा काटा जा रहा है। बेमौसमी बरसात की वजह से किसानों की हजारों हैक्टेयर फसल खराब हो गई है और ओलावृष्टि ने किसानों को भारी नुकसान पहुंचाया है।
सरकार को चाहिए कि खराब फसलों की भरपाई के लिए ठोस कदम उठाए। उन्होंने कहा कि सांसद रहते उन्होंने सिरसा लोकसभा में 45 हजार करोड़ रुपए के विकास कार्य करवाए लेकिन सरकार बदलने के बाद मौजूदा भाजपा सरकार ने सिरसा को अनाथ कर दिया। उन्होंने कहा कि मनरेगा को कमजोर करने का काम इस सरकार ने किया जिससे करोड़ों लोगों का रोजगार छिन गया।
चुनाव आयोग ने जारी किया नोटिस
सिरसा से कांग्रेस प्रत्याशी और हरियाणा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर की मुश्किलें बढ़ सकती है। चुनाव आयोग ने अशोक तंवर के खिलाफ नोटिस जारी किया है। तंवर पर आचार संहिता के उल्लंघन का आरोप है। आरोप है कि तंवर ने बिना अनुमति के कार्यकर्ताओं की बैठक की वहीं बिजली विभाग के अफसरों के खिलाफ भी टिप्पणी की। इसको लेकर अब चुनाव आयोग ने नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
(आहूजा)