जींद : चुनावी मौसम के आगाज के साथ अपने 73वें जन्मदिन के मार्फत खुद को सुदृढ़ करने के लिए चौधरी बीरेंद्र सिंह ने उचाना के गांव खरकबूरा में जो समृद्धि, सद्भावना महायज्ञ किया, उनको वह राजनीतिक ऑक्सीजन नहीं मिल पाई, जिसकी संभावना से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। चार सालों की कार्यप्रणाली के कारण डावाडोल हो रही केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र सिंह और उनकी विधायक धर्मपत्नी प्रेमलता के इस महायज्ञ में उम्मीद के ठीक विपरीत लोगों की संख्या तो गिनी चुनी आई ही, साथ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी चौधरी बीरेंद्र सिंह के एक तरफा तेवर को देखकर कन्नी काट गए और बार-बार मांगने के बावजूद भी पूर्व की निर्धारित पेयजल परियोजना का शुभारंभ कर चले गए। अपनी ही राजनीति के लिए दूसरों को बौना दिखाने के चक्कर के लिए चर्चित पूर्व में मुख्यमंत्रियों से 36 का आंकड़ा रखने वाले चौधरी बीरेंद्र सिंह ने रविवार को एक बार फिर खुद को ही बड़ा दिखाने का जो काम किया, वह उन पर ही भारी पड़ गया।
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