करनाल : सेवा का अधिकार आयोग हरियाणा के मुख्य आयुक्त एवं सेवानिवृत मुख्य सचिव एस.सी. चौधरी ने कहा कि हर व्यक्ति को समय पर सरकार की सेवाओं का लाभ मिले, इसके लिए व्यापक प्रचार की जरूरत है। जिला प्रशासन के सभी अधिकारियों को चाहिए कि वे सरकार की हर सेवाओं का नोटिस बोर्ड पर विवरण लगाए, यदि सेवा देने में देरी होती है तो ऐसे में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ राईट टू सर्विस एक्ट के तहत कार्यवाही का प्रावधान है। वे वीरवार को पंचायत भवन के सभागार में रोहतक व करनाल के डी.सी, ए.डी.सी, राजस्व अधिकारियों व अन्य फील्ड के अधिकारियों की बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक्ट के बनने से तीन साल बाद भी लोगों को उनकी सेवाओं के बारे में जानकारी नहीं है।
जानकारी के अभाव के कारण उन्हें कार्यालयों के चक्कर काटने पड़ते है। अंत में वह दुखी होकर घर बैठ जाते है। राईट टू सर्विस कमीशन का उद्देश्य है कि हर व्यक्ति को सरकार की सभी सेवाओं का समयबद्ध तरीके से लाभ मिले। यदि अधिकारी मनमानी करता है तो इस एक्ट के तहत कानूनी प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति किसी सेवा के लिए आवेदन करता है तो उसे संबंधित कार्यालय अपने रजिस्टर में दर्ज करे ताकि यह पता लग जाए कि यह आवेदन कब आया था और इस पर अधिकारी ने क्या कार्यवाही की। उन्होंने कहा कि यदि संबंधित अधिकारी अपने कर्मचारी की डयूटी लगाए कि वह एसएमएस के माध्यम से सेवा का लाभ लेने वाले व्यक्ति को उनके कार्य की स्थिति जानकारी दें।
उन्होंने कहा कि जिला कार्यालय के साथ-साथ उपमंडल और ब्लॉक स्तर पर विभिन्न विभागों के कार्यालयों में भी इस तरह के बोर्ड लगाए जाने जरूरी हैं ताकि आम व्यक्ति को सेवा के अधिकार की पर्याप्त जानकारी मिल सके। आयोग के आयुक्त सरवन सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे राईट टू सर्विस एक्ट के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अपने कार्यालयों में नोडल अधिकारी के साथ-साथ प्रथम और द्वितीय शिकायत निवारण अधिकारियों की सूचना भी इन बोर्डों पर अंकित करें। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार ने वर्ष 2014 में राईट टू सर्विस कमीशन लागू करके 11 विभागों तथा चार बोर्ड और निगमों के माध्यम से जनता को दी जाने वाली 163 सेवाओं की समय अवधि निर्धारित की है। अब इन सेवाओं की संख्या बढ़कर 390 हो चुकी है।
उन्होंने बताया कि निर्धारित अवधि में सेवाएं उपलब्ध न होने की स्थिति में नागरिक प्रथम अपील अथॉरिटी के पास जा सकता है और वहां संतोषजनक कार्रवाई न होने अथवा समस्या का समाधान न होने की स्थिति में द्वितीय अपील अथॉरिटी के पास जाने का प्रावधान है। आयोग के आयुक्त हरदीप कुमार ने कहा कि बोर्ड लगाने के साथ-साथ सेवा के अधिकार के तहत सम्बन्धित कार्यालय में फार्म ए के प्रावधान के अनुसार सेवाओं के लिए प्राप्त होने वाले आवेदनों, उनके समाधान इत्यादि का पूरा ब्यौरा दर्ज करना जरूरी है।
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– हरीश, आशुतोष