हरियाणा पुलिस ने सोमवार ने बीकेयू (चढूनी) के नेता गुरनाम सिंह चढूनी तथा कई अन्य प्रदर्शनकारियों पर दंगे करने तथा सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया। हरियाणा के करनाल जिले के कैमला गांव में प्रदर्शनकारी किसानों ने ‘किसान महापंचायत’ कार्यक्रम स्थल पर रविवार को तोड़फोड़ की थी जहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर लोगों को संबोधित करते हुए केंद्र के तीन कृषि कानूनों के ‘‘लाभ’’ बताने वाले थे।
करनाल के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि 71 लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया गया है जिनमें गुरनाम सिंह चढूनी भी शामिल हैं। इसके अलावा 800-900 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। पुलिस की ओर से बताया गया कि इन लोगों के खिलाफ दंगा करने, सरकारी कर्मचारी पर हमला करने, सरकारी संपत्ति को नुक्सान पहुंचाने, आपराधिक साजिश रचने तथा अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने कहा कि वे वीडियो क्लिप समेत अन्य सबूत इकट्ठे कर रहे हैं और घटना में लिप्त पाए गए लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि अभी तक किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है। गौरतलब है कि कैमला गांव में प्रदर्शनकारी किसानों ने ‘किसान महापंचायत’ कार्यक्रम स्थल पर रविवार को तोड़फोड़ की, जहां खट्टर लोगों को संबोधित करने वाले थे।
हरियाणा पुलिस ने किसानों को कैमला गांव की ओर मार्च करने से रोकने के लिए पानी की बौछारें कीं और आंसू गैस के गोले छोड़े थे। खट्टर ने आरोप लगाया कि गुरनाम सिंह चढूनी ने कार्यक्रम स्थल पर तोड़फोड़ करने के लिए लोगों को उकसाया।
हालांकि पुलिस द्वारा किये गए सुरक्षा इंतजामों के बावजूद प्रदर्शनकारी किसान कार्यक्रम स्थल तक पहुंच गए और उस अस्थायी हेलीपैड को क्षतिग्रस्त कर दिया जहां खट्टर का हेलीकॉप्टर उतरना था। बाद में प्रदर्शनकारी किसानों ने हेलीपैड को अपने नियंत्रण में ले लिया और वहां बैठ गए। कुछ प्रदर्शनकारियों ने हेलीपैड की टाइल भी उखाड़ दी।
किसानों ने मंच को क्षतिग्रस्त करके, कुर्सियां, मेज और गमले तोड़कर ‘किसान महापंचायत’ कार्यक्रम को बाधित किया। इस दौरान पथराव भी किया गया। भारतीय किसान यूनियन (चरूनी) के बैनर तले किसानों ने पहले किसान महापंचायत का विरोध करने की घोषणा की थी।
बीच, हरियाणा बीकेयू प्रमुख गुरनाम सिंह चढूनी का एक कथित वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ जिसमें वह मुख्यमंत्री को महापंचायत को संबोधित नहीं करने देकर उनके अहंकार को समाप्त करने की अपील करते दिखे। उल्लेखनीय है कि छह जनवरी को बीकेयू (चढूनी) ने चेतावनी दी थी कि वे किसान महापंचायत कार्यक्रम का विरोध करेंगे।