जींद : चौटाला परिवार में तकरार को तूफान आ गया है। प्रतिपक्ष नेता अभय सिंह चौटाला ने कहा है कि दुष्यंत-दिग्विजय और केजरीवाल ने षड्यंत्र के तहत इनेलो सुप्रीमो चौधरी ओमप्रकाश चौटाला की फरलो रद्द करवाई है। इस षड्यंत्र का पर्दाफाश करने के लिए गृह मंत्री से इसकी जांच की मांग करेंगे ताकि षड्यंत्रकारियों को बेनकाब किया जा सके।
इनेलो सुप्रीमो के साथ कोई ना-इंसाफी को लेकर वह न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाएंगे। उन्होंने दिग्विजय-दुष्यंत को औरंगजेब की संज्ञा देते हुए कहा कि दादा की पीठ में छुरा घोंपकर जेल भेजने का जो काम इन दोनों ने किया है, ऐसा ही इतिहास में औरंगजेब ने अपने पिता को जेल में डालकर किया था। यहां पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए।
अभय सिंह चौटाला ने कहा कि 16 जनवरी को ओमप्रकाश चौटाला के फरलो की अर्जी लगाई थी जिसको 17 जनवरी डीजी ने मंजूर कर दिया था और शर्त लगाई थी कि वह तेजा खेड़ा फार्म पर ही रहेंगे और सप्ताह में एक बार पुलिस स्टेशन में उपस्थिति दर्ज कराएंगे। उन्होंने कहा कि 19 जनवरी को जेल प्रशासन ने फिर एक चिट्टी लिख कहा कि वे किसी भी राजनैतिक कार्यक्रम में भाग नहीं ले सकते। इसके बाद एक तीसरी चिट्टी होम मिनिस्ट्री की तरफ से लिखी गई जिसमें कहा गया कि उनके खिलाफ कोई साजिश नहीं की गई और उन्हें 28 तारीख को फरलो दी जाएगी।
नेता विपक्ष ने दिल्ली सरकार के इस रवैये की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि फरलो के मामले में तिहाड़ में बंद अन्य कैदियों पर उस तरह के नियम लागू नहीं किए जाते हैं जो इनेलो सुप्रीमो पर किए गए। पिछले दिनों अजय सिंह चौटाला को चुनावी दिनों में फरलो पर आए और उन्हें राजनैतिक सभाएं भी की।
दिल्ली सरकार के दोहरे व्यवहार से स्पष्ट है कि यह ओमप्रकाश चौटाला को जींद चुनाव में आने से रोकने की साजिश थी। नेता विपक्ष ने कहा कि जेल प्रशासन ने इनेलो सुप्रीमो की फरलो खारिज करने के पीछे यह दलील दी है कि उनके खिलाफ शिकायत याचिका आई है जिसके चलते ऐसा किया गया लेकिन उस याचिका पर न तो किसी का नाम है और वह फरलो के दो दिन बाद 21 जनवरी को जेल प्रशासन को मिली।