हरियाणा में फरीदाबाद के बारह पुलिस कर्मियों पर 24 वर्षीय एक युवक के परिजन के इस आरोप के बाद मामला दर्ज किया गया है कि पुलिस हिरासत में युवक को पीटा गया जिससे उसकी जान चली गई। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी। प्राथमिकी में थाना प्रभारी, दो उपनिरीक्षक, दो सहायक उप निरीक्षक और दो हेड कांस्टेबल, साइबर अपराध थाने के पांच अन्य कर्मियों के नाम शामिल हैं।
नूंह पुलिस को दी शिकायत में जुनैद के परिवार ने आरोप लगाया है कि फरीदाबाद पुलिस ने उसे 31 मई की रात हिरासत में रखा था और एक जून को रिहा करने से पहले कथित तौर पर उसकी पिटाई की थी। जुनैद की 11 जून को मौत हो गई थी, जिसे फरीदाबाद पुलिस ने साइबर अपराध के एक मामले में कुछ अन्य लोगों के साथ हिरासत में लिया था।
शिकायत के अनुसार, उसके परिवार ने आरोप लगाया कि एक जून को जब वह घर लौटा, तो उसके शरीर पर चोट के कई निशान थे। उसे एक डॉक्टर के पास ले जाया गया, लेकिन उसकी हालत बिगड़ने के बाद, परिवार ने उसे 11 जून को होडल के एक अस्पताल में ले जाने का फैसला किया। रास्ते में उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने सोमवार को यहां बताया कि जुनैद की मां की शिकायत पर नूंह पुलिस ने रविवार को थाना प्रभारी, दो उप निरीक्षकों, दो सहायक उप निरीक्षकों और दो हेड कांस्टेबल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 342 (गलत तरीके से बंधक बनाना) और 34 (एक ही इरादे से कई लोगों द्वारा अपराध को अंजाम देना) के तहत मामला दर्ज किया।
उन्होंने बताया कि साइबर अपराध थाने के पांच अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस उपाधीक्षक, पुन्हाना, शमशेर सिंह ने कहा, “मृतक के विसरा को मौत के कारण का पता लगाने के लिए एक प्रयोगशाला में भेज दिया गया है। रिपोर्ट का इंतजार है।” उन्होंने बताया कि आगे की जांच जारी है। फरीदाबाद पुलिस ने हिरासत में शख्स को प्रताड़ित करने के आरोपों से इनकार किया है।
पुलिस के अनुसार, जुनैद को पांच अन्य लोगों के साथ वित्तीय धोखाधड़ी के एक मामले में हिरासत में लिया गया था। उनमें से एक को गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि जुनैद सहित अन्य को रिहा कर दिया गया।