हरियाणा की पहली महिला सांसद और पुडुचेरी की पूर्व उपराज्यपाल चंद्रावती का रविवार को निधन हो गया। वह 92 साल की थीं।कांग्रेस की वरिष्ठ नेता चंद्रावती का रोहतक स्थित पीजीआई अस्पताल में इलाज चल रहा था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। उन्हें पांच नवंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। चंद्रावती लंबे समय से बीमार चल रही थीं।
जनता पार्टी की भी नेता रह चुकीं चंद्रावती 1977 में हरियाणा की पहली महिला सांसद बनीं, जब उन्होंने भिवानी निर्वाचन क्षेत्र से राजनीति के दिग्गज चौधरी बंसीलाल को हराया था।बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गईं और 1990 में पुडुचेरी की उपराज्यपाल के रूप में कार्य किया।चंद्रावती चरखी दादरी जिले की रहने वाली थीं। वह मूलत: डालावास गांव की निवासी थीं।
चंद्रावती के निधन पर प्रदेश भर के नेताओं ने शोक संवेदना व्यक्त की।मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने उन्हें महिला सशक्तीकरण का एक शानदार उदाहरण बताया, तो वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि उनकी ईमानदारी और सेवा की भावना उनकी पहचान थी।अपने शोक संदेश में, खट्टर ने कहा कि एक वकील और विधायक के रूप में चंद्रवती ने समाज में गरीबों के लिए लड़ाई लड़ी।
उन्होंने कहा, “वह महिला सशक्तीकरण का एक आदर्श उदाहरण थीं। उन्होंने राजनीति के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी समान रूप से भाग लिया।’’खट्टर ने कहा कि उनके निधन ने देश और राज्य की राजनीति में एक शून्य छोड़ दिया है।मुख्यमंत्री ने शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना भी व्यक्त की।पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।
अपने शोक संदेश में, हुड्डा ने कहा, चंद्रावती जी के निधन से राष्ट्रीय स्तर पर और हरियाणा दोनों जगहों पर हमारे सार्वजनिक जीवन में गहरा शून्य पैदा हो गया है। उन्होंने कहा, ‘‘उनकी ईमानदारी, कर्मठता और सेवा की भावना उनकी पहचान थी… उन्होंने कानूनविद्, विधायक, सांसद और फिर पुडुचेरी की उपराज्यपाल के रूप देश की सेवा की।’’
हुड्डा ने कहा कि चंद्रावती के साथ उनके करीबी पारिवारिक संबंध थे, जिन्होंने उनके पिता स्वर्गीय रणबीर सिंह हुड्डा के साथ काम किया था।कांग्रेस पार्टी के महासचिव और मुख्य प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस की वरिष्ठ नेता के निधन की खबर सुनकर उन्हें गहरा दुख हुआ है।सुरजेवाला ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘कांग्रेस की वरिष्ठ नेता व पूर्व उप राज्यपाल चन्द्रावती जी के निधन की खबर से अत्यन्त दुख हुआ। उन्होंने एक कुशल राजनेत्री के तौर पर प्रदेश की लम्बी सेवा की जिसके लिए उन्हें सदा याद रखा जाएगा।’’कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी उनके निधन पर शोक व्यक्त किया।
दीपेंद्र ने ट्वीट किया, ‘‘हरियाणा की पहली महिला विधायक, विपक्ष की नेता, पहली महिला सांसद, पूर्व उप-राज्यपाल व वरिष्ठ कांग्रेस नेता चन्द्रावती जी के निधन का समाचार दु:खद है। दिवंगत आत्मा को भावभीनी श्रद्धांजलि एवं परिजनों, समर्थकों के प्रति गहरी संवेदनाएँ।’’चंद्रावती ने 1954 में राजनीति में कदम रखा था। 1954 में विधानसभा चुनाव जीतकर चंद्रावती ने अपना राजनैतिक सफर शुरू किया।
उन्होंने पहला चुनाव बाढड़ा विधानसभा सीट से लड़ा था। जीत के बाद विधायक दल की नेता बनी थीं। चंद्रावती ने अपने पूरे जीवन में कुल 14 चुनाव लड़े, जिसमें छह बार विधायक व एक बार सांसद बनी।चंद्रावती ने विधायक बनने के बाद शिक्षा को बढ़ावा देने का प्रयास किया तथा गांवों में स्कूलों की स्थापना की।1977 के लोकसभा चुनाव में चंद्रावती ने दिग्गज नेता और तत्कालीन रक्षा मंत्री बंसीलाल को रिकार्ड मतों से हराया था। चंद्रावती ने चौ. चरण सिंह के साथ लंबे समय तक जनता पार्टी में काम किया था।