जींद: अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक पर गांव समैण में हुए हमले के लिए उनके समर्थक चौधरियों ने सीधे-सीधे सरकार की चाल बताया है। समर्थक चौधरियों ने इसे बराला घटनाक्रम से ध्यान हटाने की कुचाल बताते हुए 18 अगस्त को फतेहाबाद में प्रदेश स्तरीय पंचायत कर निर्णायक निर्णय लेने का आह्वान किया है। बुधवार को जींद की जाट धर्मशाला में समिति से जुड़े चौधरियों ने एक बैठक कर यशपाल मलिक पर हुए हमले की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग बुलंद की। पत्रकारों से बात करते हुए माजरा खाप के प्रधान महेन्द्र सिंह और समिति के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रणधीर चहल ने कहा कि यशपाल मलिक 27 अगस्त को झज्जर में प्रस्तावित जनसभा को लेकर समैण में न्यौता देने के लिए गए हुए थे।
किंतु जनसभा में कुछेक समाज के जयचंदों के इशारों पर भटके हुए युवाओं ने यशपाल मलिक पर पीछे से वार कर दिया। इस हमले के पीछे सीधे-सीधे सरकार जिम्मेदार है। क्योंकि जनसभा में जब भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद था, तो उन्होंने हमलावरों को रोकने की कोशिश क्यों नहीं की। इस हमले के पीछे सरकार की मंशा साफ तौर पर जाहिर हो रही है कि वह पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला के बेटे विकास बराला के वर्णिका कुंडू से छेड़छाड़ मामले पर लोगों का ध्यान हटाना चाहते हैं। सरकार जाट समाज में फूट डालकर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने की फिराक में है। महेंद्र सिंह रिढाल ने कहा कि सरकार की इस चाल का जवाब देने के लिए 18 अगस्त को फतेहाबाद में पूरे हरियाणा का जाट समाज जुटेगा। उन्होंने कहा कि सूबे सिंह समैण की पिछले एक-दो सालों में आरक्षण आंदोलन के दौरान जाट समाज ने कतई भी पूछ नहीं की। इसलिए वह अब सरकार के इशारे पर खेलते हुुए औच्छी हरकतें करवा रहा है।
आरक्षण आंदोलन के दौरान एकत्रित हुए लाखों के चंदे पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि समिति के पूर्व प्रधान वीरभान ढुल और कुछेक लोग समाज को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। रणधीर चहल ने कहा कि चंदे की राशि में से एक कोड़ी भी वीरभान ढुल और दूसरे गिने-चुने लोगों को नहीं सौंपी जाएगी। यह राशि जींद जिले में होने वाले आरक्षण आंदोलनों में ही खर्च की जाएगी। उन्होंने कहा कि ढुल तथा उनके गिने-चुने जो साथी चंदे की राशि के चैक को लेकर जो कानून का सहारा लेने की बात कर रहे है, वे इससे घबराने वाले नहीं है। वे लोग कानून की लड़ाई भी बखूबी से लडऩा जानते हैं। कानून का जवाब कानून के हिसाब से दिया जाएगा। इसलिए जो आदमी संगठन से भागकर आएं दिन ब्यानबाजी कर रहे है, उनका चंदे पर कोई हक नहीं है। यह पैसा आरक्षण आंदोलनों पर ही लगाया जाएगा। बैठक में सत्यवान ईक्कस समेत दर्जनों चौधरियों ने अपने विचार रखे।
– संजय शर्मा