गुरुग्राम : दिल्ली एनसीआर को रैपिड रेल से जोड़ने के लिए एनसीआरटीसी द्वारा डीपीआर को हरियाणा व दिल्ली सरकार की भी मंजूरी मिल चुकी है। ऐसे में इस रूट पर पायलिंग का काम किया जा रहा है। इसके लिए सर्वे का काम पूरा हो चुका है। दिल्ली के सराय काले खां से तीन रूट बनाए जाएंगे, जिनमें सबसे बड़ा रूट दिल्ली से अलवर होगा। दिल्ली के सराय काले खां से अलवर तक के 164 किलोमीटर का सफर 55 मिनट में यात्री तय कर सकेंगे। इस रूट पर सर्वे के अनुसार 9.1 लाख लोगों को रोजाना फायदा होगा। अलवर रूट पर कुल 22 स्टेशन बनाए जाएंगे।
पहले चरण में एनएनबी बावल तक का रूट तैयार किया जाएगा। जिसके लिए पायलिंग का काम किया जा रहा है। एनसीआरसीटीसी के प्रवक्ता सुधीर ने बताया कि इस लाइन पर गैस पाइप लाइन, बिजली की लाइनें को लेकर जांच की जा रही है। बिजली की लाइनों को शिफ्ट किया जाना है, इस काम चल रहा है। इस प्रोजेक्ट के लिए दिल्ली, हरियाणा व राजस्थान सरकार की अनुमति हो चुकी है, लेकिन अब केन्द्र सरकार की अनुमति होनी बाकी है।
उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में केन्द्र सरकार की अनुमति मिल जाएगी। जिस पर गुड़गांव में एनएच-8 के साथ-साथ सात स्टेशन बनाए जाने की प्लानिंग है। इन स्टेशनों में से मानेसर व खेड़कीदौला स्टेशन अंडरग्राउंड रहेंगे। जबकि अन्य पांच स्टेशन एलिवेटेड रखे जाएंगे। पूरे रूट पर कुल 17 स्टेशन एलिवेटेड व पांच स्टेशन अंडरग्राउंड होंगे। नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन के प्रोजेक्ट पर मुख्यमंत्री मनोहरलाल की कैबिनेट ने गत दिनों मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी के साथ ही पायलिंग का काम किया जा रहा है।
इसके अलावा एनसीआरटीसी द्वारा दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ व दिल्ली सोनीपत-पानीपत दो अन्य रूटों की भी डीपीआर को भी स्टेट गवर्नमेंट मंजूरी दे चुकी हैं। मेरठ रूट 82 किलोमीटर लंबा व पानीपत रूट अनुमानित 103 किलोमीटर लंबा होगा। अलवर रूट को पहले चरण में 107 किलोमीटर बहरोड़ तक तैयार किया जाएगा। इस रूट पर 5 से 10 मिनट की रेल की फ्रिक्वेंसी होगी और औसतन रेल 180 किलोमीटर प्रति घंटे की र तार से यात्रियों को उनके गंतव्य तक पहुंचाएगी। इस रूट पर किए गए सर्वे के अनुसार रोजाना करीब 9.1 लाख लोगों को फायदा होगा।