हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार को आंदोलनकारी किसानों को आश्वासन दिया कि केन्द्र सरकार उनसे बातचीत के लिए हमेशा तैयार है और बातचीत के जरिये ही कोई समाधान निकल सकता है। पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा केन्द्र के कृषि कानूनों के विरोध में ‘दिल्ली चलो’ मार्च के आह्वान के बीच खट्टर ने यह आश्वासन दिया। खट्टर ने किसानों से अपने जायज मुद्दों के बारे में सीधे केंद्र से बात करने की अपील की।
केंद्र सरकार बातचीत के लिए हमेशा तैयार है।
मेरी सभी किसान भाइयों से अपील है कि अपने सभी जायज मुद्दों के लिए केंद्र से सीधे बातचीत करें। आन्दोलन इसका जरिया नहीं है- इसका हल बातचीत से ही निकलेगा
— Manohar Lal (@mlkhattar) November 27, 2020
खट्टर ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘केंद्र सरकार बातचीत के लिए हमेशा तैयार है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरी सभी किसान भाइयों से अपील है कि अपने सभी जायज मुद्दों के लिए केंद्र से सीधे बातचीत करें।’’ खट्टर ने किसानों से कहा कि समस्याओं के समाधान के लिए आंदोलन जरिया नहीं है और इसका हल बातचीत से ही निकलेगा।
किसान नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि नये कानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। केन्द्र ने पंजाब के कई किसान संगठनों को तीन दिसम्बर को दिल्ली में वार्ता के लिए बुलाया है।
बता दें कि केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पंजाब के किसान संगठनों ने शुक्रवार को दावा कि केन्द्र सरकार ने उन्हें दिल्ली में दाखिल होने और बुराड़ी मैदान में प्रदर्शन करने की मंजरी दी है। क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा, ‘‘ हमें दिल्ली में प्रवेश की इजाजत दी गई है।’’ उन्होंने बताया कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने उन्हें दिल्ली के बुराड़ी में एक स्थान पर प्रदर्शन करने की अनुमति दी थी।
भारतीय किसान यूनियन (राजेवल) के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि किसान बुराड़ी की ओर निकल गए हैं। इससे पहले, किसानों ने रामलीला मैदान में प्रदर्शन करने की अनुमति मांगी थी, लेकिन दिल्ली पुलिस ने वहां प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध जताने दिल्ली के लिए निकले पंजाब और हरियाणा के किसान रास्ते में सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त के बावजूद शुक्रवार सुबह दिल्ली के दो ‘बॉर्डर’ पर पहुंच गए थे।
किसान नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि नये कानून से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। केन्द्र ने पंजाब के कई किसान संगठनों को बातचीत करने के लिए तीन दिसम्बर को बुलाया भी है।