हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विश्व पर्यावरण दिवस पर राज्य के लोगों से पर्यावरण का संरक्षण करने और पारिस्थितिकी संतुलन बरकरार रखने का संकल्प लेने का आग्रह किया। खट्टर ने ट्वीट किया, ‘‘विश्व पर्यावरण दिवस पर आइये, पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपना योगदान करने का संकल्प लें।’’ उन्होंने एक अन्य ट्वीट में पारिस्थितिकी संतुलन बरकरार रखने की जरूरत पर बल देते हुए कहा, ‘‘पृथ्वी प्रत्येक मनुष्य की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त मुहैया कराती है लेकिन प्रत्येक व्यक्ति की लालसा पूरी नहीं होती।’’
“Earth provides enough to satisfy every man’s needs, but not every man’s greed.”
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आईये! प्रकृति के संरक्षण के लिए अपना योगदान सुनिश्चित करने और इसका निर्वहन करने का संकल्प लें।#WorldEnvironmentDay pic.twitter.com/F0HET5PfcI
— Manohar Lal (@mlkhattar) June 5, 2020
वहीं हरियाणा के वन एवं पर्यावरण मंत्री कंवर पाल ने यमुनानगर में कहा कि इस वर्ष राज्य में एक करोड़ से अधिक वृक्षारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसके लिए 1,100 गांवों की पहचान की गई है। पाल ने यमुनानगर में पौधारोपण करने के बाद कहा कि वृक्षारोपण राज्य के प्रत्येक जिले के 50 गांवों में किया जाएगा। इससे पहले खट्टर ने विश्व पर्यावरण दिवस पर जारी एक संदेश में जल संरक्षण की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘इसे ध्यान में रखते हुए हरियाणा सरकार ने हाल ही में ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ योजना शुरू की है ताकि पानी को भविष्य की पीढ़ियों के लिए बचाया जा सके।’’
उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन आज एक अन्य वैश्विक मुद्दा बन गया है। उन्होंने संदेश में कहा, ‘‘जलवायु परिवर्तन के कारण, हमारे मौसम बदल रहे हैं, तापमान बढ़ रहा है और भूजल स्तर गिर रहा है। मानसून के रुख में बदलाव के कारण बाढ़, सूखा, भूकंप, सुनामी और चक्रवाती तूफान जैसी अन्य प्राकृतिक आपदाएं लगातार आ रही हैं। प्रकृति के साथ हस्तक्षेप से स्वच्छ जल और वायु की कमी होगी।”
इस बीच, अंबाला जिले में मुल्लाना निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी ने कहा कि हरियाणा सरकार ने आने वाले वर्षों में वन प्रसार वर्तमान के 3.90 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है लेकिन उसे स्वयं को केवल वृक्षारोपण अभियान तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए बल्कि पौधों के बचे रहने की दर पर भी ध्यान देना चाहिए।
चौधरी ने कहा, ‘‘राज्य सरकार को खुद को केवल वृक्षारोपण अभियान तक ही सीमित नहीं रखना चाहिए बल्कि विशेष रूप से पहले वर्ष के दौरान पेड़ों के बचे रहने की दरों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। साथ ही वृक्षारोपण के लिए कई प्रकार के वृक्षों को बढ़ावा देना चाहिए, जिनमें देसी वृक्षों की प्रजातियां शामिल हों क्योंकि इनका पर्यावरण पर बेहतर प्रभाव होता है।’’ उन्होंने सरकार को यह लक्ष्य हासिल करने के लिए बिना शर्त समर्थन की पेशकश की और इस उद्देश्य में सभी 90 विधायकों को शामिल करने का सुझाव दिया।