चंडीगढ़ : महाराष्ट्र में चल सियासी संकट को लेकर हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस व भाजपा भिड़ गई। संविधान दिवस पर आयोजित विशेष सत्र में चर्चा के दौरान गृह मंत्री अनिल विज व कांग्रेस विधायक किरण चौधरी के बीच जमकर बहस हुई।
कांग्रेस ने महाराष्ट्र के मुद्दे पर भाजपा को घेरने की कोशिश की तो भाजपा ने कांग्रेस कार्यकाल के दौरान हुई घटनाओं को उधड़ते हुए इंदिर गांधी सरकार में एजमरेंसी की याद दिलाई। मंगलवार को हरियाणा विधानसभा के विशेष सत्र में संविधान पर चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक ने महाराष्ट्र में चल रहे सियासी संकट को लपेटे में लेते हुए गोवा, कर्नाटक व उत्तराखंड में लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाते हुए भाजपा को घेरने की कोशिश की।
उन्होंने महाराष्ट्र मामले में राज्यपाल पर केंद्र में सत्तारुढ़ सरकार को खुश करने के लिए लोकतंत्र की हत्या का आरोप जड़ा। इतना सुनते ही गृहमंत्री अनिल विज तैश में आ गए और इंदिरा शासन काल में लागू हुई एमरजेंसी की याद दिलाई। इसके बाद दोनों के बीच जमकर बहस हुई। नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी बीच बचाव करते हुए संविधान पर चर्चा होनी चाहिए। संविधान को मूल घटनाओं से न जोड़ा जाए।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि कांग्रेस पाक साफ नहीं है। पिछले 70 सालों में कितने विवाद हुए हैं, यह सभी को पता है। महाराष्ट्र का फैसला राज्यपाल पर आधारित है, इसलिए उन पर आरोप लगाना गलत है। कांग्रेस ने भी 1982 में पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल के पास पूर्ण बहुमत होते हुए भी सरकार बना ली थी। यह विवाद का विषय नहीं है।
संविधान दिवस पर केवल संविधान से संबंधित चर्चा होनी चाहिए। गृह मंत्री अनिल विज ने भी कांग्रेस विधायक को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी और इंदिरा शासन में लागू हुई एमरजेंसी से लेकर, वर्ष 1982 में देवीलाल सरकार को तोड़ने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस को घेरा।