चंडीगढ़ : हरियाणा पुलिस अकादमी मधुबन में राज्य अपराध शाखा, हरियाणा के सहयोग से साइबर धोखाधड़ी और वित्तीय अपराध विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला आरम्भ हुई। इसका शुभारम्भ राज्य अपराध शाखा हरियाणा के डीजीपी, पीके अग्रवाल ने अपने संबोधन के साथ किया। मुख्य अतिथि डीजीपी पीके अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि डिजिटल तकनीक का तेजी से प्रसार हो रहा है। सामान्य व्यक्ति भी अब स्मार्ट फोन का प्रयोग करता है, एटीएम और इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से बेंकिग सेवाएं प्राप्त करता है।
जानकारी के अभाव में लोग इंटरनेट, एटीएम पर सुरक्षा सावधानियों के बारे में ज्यादा जागरूक नहीं हैं, जिसका फायदा साइबर का इस्तेमाल करते हुए धोखाधड़ी करने वाले उठाते हैं। हमें नागरिकों को साइबर धोखेबाजों से बचाना है। उन्होंने कहा कि पुलिस अनुसंधान अधिकारियों साइबर क्षेत्र में अपनी क्षमता का विकास करते रहना होगा तभी वे नागरिकों को साइबर धोखेबाजों से सुरक्षित रखने तथा साइबर अपराधियों को सजा दिलवाने की चुनौतियों पर पार पाने में सफल होंगे। वर्तमान में कम्प्यूटर को न जानने वाला व्यक्ति अनपढ़ जैसा है।
सीखने की इच्छाशक्ति के आगे उम्र कोई बाधा नहीं होती इसके अनेक उदाहरण हैं। पुलिस को भी अपने आस-पास होने वाले आर्थिक और टेक्रॉलाजी परिवर्तनों के अनुरूप अपने को उपयोगी बनाए रखने के लिए निरंतर कुछ नया करने कुछ नया सीखने के लिए समर्पित रहना चाहिए। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस कार्यशाला में प्रतिभागी जो जानकारी वित्तीय अपराधों और साइबर के माध्यम से की जाने वाली धोखाधड़ी के अन्वेषण के बारे में जानेंगे वे उन्हें न केवल अपने कार्य में प्रयोग करेंगे बल्कि अपने साथियों को भी इस जानकारी का लाभ देंगे।
उन्होंने कार्यशाला के आयोजन में सक्रिय भागीदारी के लिए कार्यशाला के नोडल अधिकारी एवं जींद के एसएसपी अश्विन शेणवी की प्रशंसा की तथा इस विषय पर जानकारी देने वाले विद्वानों की उपलब्धता के लिए सीबीआई अकादमी गाजियाबाद के आईजी शरद अग्रवाल तथा महाराष्ट्र पुलिस के साइबर विभाग के आईजी बृजेश सिंह तथा व्यवस्था सहयोग के लिए हरियाणा पुलिस अकादमी के निदेशक श्रीकांत जाधव का आभार व्यक्त किया। इस से पूर्व कार्यशाला के नोडल अधिकारी एवं जींद के एसएसपी अश्विन शेणवी ने मुख्य अतिथि का स्वागत किया।