चंडीगढ़ : पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने आज आदेश दिया कि स्वयंभू बाबा गुरमीत राम रहीम सिंह के अनुयायियों द्वारा की जा रही हिंसा और आगजनी के कारण हुई क्षति की भरपाई डेरा सच्चा सौदा से करायी जाए। केंद्र सरकार के एक वरिष्ठ वकील ने बताया कि उच्च न्यायालय की एक पूर्ण पीठ ने डेरा प्रमुख के खिलाफ बलात्कार के एक मामले में सीबीआई अदालत के फैसले से उपजी स्थिति से निपटने के लिए हरियाणा सरकार को जरूरत पडऩे पर हथियार या बल का इस्तेमाल करने का भी निर्देश दिया। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन ने कहा कि पीठ कल विषय पर आगे की सुनवाई करेगी।
मुख्य न्यायाधीश एस सिंह सरोन, न्यायमूर्ति अवनीश झींगन और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की पूर्ण पीठ पंचकूला के एक वकील द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। याचिका में निषेधाज्ञा के बावजूद जिले में कथित रूप से 1.5 लाख से अधिक लोगों के प्रवेश करने के साथ कानून व्यवस्था को लेकर चिंता जतायी गयी है। जैन के अनुसार अदालत ने आदेश दिया कि कोई भी राजनीतिक, सामाजिक या धार्मिक नेता कोई भड़काऊ बयान नहीं दे और अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए। जैन ने कहा कि पीठ ने आदेश में कहा, स्थिति से निपट रहे अधिकारी बिना भय के और निष्पक्षता के साथ अपना काम करे। अगर कोई अधिकारी कर्तव्य के निर्वहन में चूकता है तो उसके खिलाफ अदालत कड़ी कार्वाई करेगी।
जैन ने अदालत से कहा कि केंद्र ने पंजाब को अर्द्धसैनिक बलों की 93 कंपनियां (करीब 9,300 कर्मी), हरियाणा को 103 कंपनियां और चंडीगढ़ को 22 कंपनियां मुहैया करायी हैं। उन्होंने अदालत से कहा कि हरियाणा, पंजाब और केंद्र शासित चंडीगढ में सेना की भी जरूरत पड़ी तो वह मुहैया करायी जाएगी। पीठ ने डेरा सच्चा सौदा के वकील एस के गर्ग नरवाना से कहा कि वह डेरा अनुयायियों के पास किसी भी तरह की हिंसा में शामिल ना होने या शांति भंग ना करने का संदेश पहुंचा दें। पीठ ने कहा, अगर कोई भी ऐसा करता है तो हरियाणा सरकार उनके खिलाफ कड़ी कार्वाई कर सकती है। अदालत ने हरियाणा सरकार के अधिकारियों को स्थिति की मांग के अनुरूप हथियार या बल का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया।