नई दिल्ली : किसी भी राष्ट्र के विकास, उत्थान व तरक्की का सीधा संबंध उस राष्ट्र की शिक्षा प्रणाली के साथ होता है। भविष्य में आने वाली पीढ़ी किस तरह राष्ट्र को नई दिशा देगी वह सब हमारी शिक्षा प्रणाली पर ही निर्भर करता है। उक्त उद्गार हरियाणा के गवर्नर कप्तान सिंह सोलंकी ने अपने सम्बोधन में व्यक्त किए। श्री सोलंकी नई दिल्ली के एक पंचतारा होटल में कान्फेडरेशन आफ एजुकेशन एक्सीलेंस (सीईई) द्वारा आयोजित ‘ट्रांस्फोर्मिंग इंडिया थ्रू सिविक एजुकेशन’ सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में वहां उपस्थित बुद्धिजीवी वर्ग को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एजुकेशन का सही अर्थ व्यक्ति को उसका व्यक्तित्व सिखाना होगा। एजुकेशन ही हमें भले-बुरे की पहचान करवाती है। यह कहना भी गलत नहीं होगा कि हमें इंसान बनना शिक्षा ही सिखाती है।
उन्होंने कहा कि ‘ट्रांस्फोर्मिंग इंडिया’ के लिए व्यक्ति को बनाना होगा। जब व्यक्ति का निजी विकास व उसके व्यक्तित्व का विकास होगा तभी राष्ट्र का विकास सम्भव है और उच्च शिक्षा प्रणाली ही राष्ट्र को एक नई दिशा देगी। सम्मेलन में विशिष्ठ अतिथि के रूप में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी मौजूद थे। अपने सम्बोधन में सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली के एजुकेशन सिस्टम को अच्छा करने के लिए सरकार हर सम्भव प्रयास कर रही है। हमारा उद्देश्य जो उपलब्ध हो वह सबके लिए हो। कोई भी उच्च शिक्षा से वंचित न रह जाए। आज एग्जामिनेशन सिस्टम में सुधार की आवश्यकता है जिसके लिए सरकार प्रयासरत है। सिसोदिया ने कहा कि हमारा उद्देश्य सिर्फ शिक्षा देना ही नहीं है बल्कि शिक्षा के साथ-साथ आने वाली युवा पीढ़ी को इस तरह से भी ट्रेंड करना है कि उन्हें शिक्षा समाप्त करने के बाद रोजगार के लिए भटकना न पड़े।
सीईई की अध्यक्ष श्रुति अरोड़ा ने बताया कि संस्था उभरते शिक्षा परिसंघों में से एक है, जिसकी शुरूआत बौद्धिक समूह द्वारा की गई है। संस्था का यह छठा राष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन है।