चंडीगढ़ : पेट्रोल-डीजल और शराब पर समान टैक्स की कवायद में लगे उत्तरी भारत के राज्यों ने अब वाहनों के रजिस्ट्रेशन और परिवहन परमिट की दरें समान करने पर फोकस किया है। पांच राज्यों के परिवहन मंत्रियों के साथ आठ राज्यों के परिवहन सचिव और आयुक्तों में सहमति बनी है कि कर चोरी रोकने के लिए सभी राज्यों में वाहनों की रजिस्ट्रेशन फीस सहित दूसरे तमाम कर एक समान होने चाहिए। इसके अलावा रोड सेफ्टी के लिए मिलकर काम करने तथा सभी राज्यों में अंतरराज्यीय रूटों पर बसों के संचालन के लिए संयुक्त समझौते के प्रस्ताव पर सहमति बनी।
दिल्ली ने दिया चार टैक्स स्लैब का सुझाव
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि चूंकि मध्यम वर्ग भी कार खरीदता है, इसलिए छह लाख से कम कीमत वाले वाहनों पर कम टैक्स लगे, जबकि छह से दस लाख तक कीमत वाले वाहनों पर आठ फीसद टैक्स लगाया जाए।
20 लाख के वाहन पर 10 फीसद टैक्स लगे
हरियाणा के परिवहन सचिव धनपत सिंह ने बताया कि 20 लाख के वाहनों पर दस फीसद और इससे अधिक कीमत वाले वाहनों पर 12 फीसद टैक्स होना चाहिए।
दिल्ली-चंडीगढ़ से निकलते ही उतर जाता हेलमेट
उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बढ़ते सड़क हादसों के लिए लापरवाही को जिम्मेदार ठहराते हुए मोटी जुर्माना राशि की पैरवी की। उन्होंने कहा कि दिल्ली-चंडीगढ़ में सख्ती के चलते सभी दुपहिया वाहन सवार हेलमेट और गाड़ी चालक सीट बेल्ट बांधकर चलते हैं, लेकिन यहां से बाहर निकलते ही सभी ट्रैफिक नियम भूल जाते हैं।
उन्होंने कहा कि अब उत्तर प्रदेश में हालात तेजी से सुधरे हैं और बगैर हेलमेट दोपहिया वाहनों को पेट्रोल नहीं मिलता। उन्होंने उत्तर प्रदेश में बदले हालात का दावा करते हुए कहा कि स्वच्छता के मामले में चंडीगढ़ से कहीं अधिक गोमती नगर आगे है।
– आहूजा/ राजेश