चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार ने फरीदाबाद को विश्व का दूसरा सर्वाधिक प्रदूषण वाला शहर बताने वाली विश्व स्वास्थय गठन(डब्ल्यूएचओ) की हाल में जारी रिपोर्ट को सिरे खारिज कर दिया है। आज यहां जारी एक बयान में राज्य के पर्यावरण एवं मौसम परिवर्तन मंत्री विपुल गोयल ने स्पष्ट किया कि जिन आंकड़ के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है वह स्पष्ट नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड फरीदबाद और गुरूग्राम शहरों में स्थापित एयर एम्बीएंट मॉनिटरिंग स्टेशनों के माध्यम से वर्ष 2010 से हवा की गुणवत्ता यानि पीएम 2.5 मूल्यांक पर निगरानी रख रहा है तथा वर्ष 2013 से पीएम 2.5 मूल्यांक पर लगातार निगरानी रखी जा रही है जिसके अनुसार इसमें दीवाली और फसल कटाई के समय कृषि अवशेष जलाये जाने ही वृद्धि होती है। ऐसे में यह कहना गलत है कि फरीदाबाद में औसत पीएम 2.5 मूल्यांक 170 से ऊपर है।
पर्यावरण मंत्री ने कहा कि फरीदाबाद में प्रदूषण राजधानी दिल्ली में अत्यधिक प्रदूषण होने के कारण है। लेकिन फरीदाबाद को दिल्ली से भी अधिक प्रदूषित शहर बनाता सही नहीं है। उन्होंने बताया कि राज्य में फरीदाबाद, गुरूग्राम, झज्जर जिलों में दस पुराने डीजल वाहनों के पंजीकरण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। उन्होंने रिपोर्ट में श्रीनगर को अधिक प्रदूषण वाला शहर बताये जाने पर इस सम्बंध में जुटाये गये आंकड़ के ह्मोत पर भी संदेह व्यक्त किया।
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