किसान 26 नवंबर 2020 को दिल्ली की सीमाओं पर पहुंचे थे। तीन कृषि कानूनों को रद्द कराने की मांग है। इस 26 नवंबर को किसानों को सीमाओं पर आए एक साल पूरा हो रहा है इसको लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने अहम मीटिंग ली है और 29 नवंबर को किसान 500-500 ट्रैक्टर समेत गाजीपुर बार्डर और टिकरी बार्डर से दिल्ली संसद भवन के लिए रवाना होंगे। संयुक्त किसान मोर्चा की 9 सदस्यीय कमेटी ने बैठक में यह फैसला लिया है।
मंगलवार को सोनीपत के कुंडली बॉर्डर पर हुई संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में तय किया गया कि 26 नवंबर से किसान आंदोलन में किसानों की संख्या बढ़ाई जाएगी। जिसके बाद 29 नवंबर से टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर से 500- 500 किसानों का एक जत्था संसद कूछ करेगा। बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि जहां भी रोका जाएगा किसान वहीं बैठ जाएंगे।
बैठक से नाराज होकर निकले गुरनाम सिंह चढूनी
संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बारे में जानकारी देते हुए किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि 29 नवंबर को टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर किसान ट्रैक्टरों के साथ निकलेंगे। किसानों को जहां भी रोका जाएगा वह वहीं बैठ जाएंगे। वहीं किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी बैठक से नाराज़ होकर निकले। चढूनी ने मीडिया से भी कोई बातचीत नहीं की।
चढूनी गुट के लोगों ने SKM के खिलाफ की नारेबाजी
भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) के नेता 26 नवंबर को दिल्ली कूच पर अड़े गए। संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाहर भारतीय किसान यूनियन (चढूनी गुट) के लोगों ने संयुक्त मोर्चा के खिलाफ हूटिंग भी की। उन्होंने गुरनाम सिंह चढूनी को अपना नेता बता कर संयुक्त मोर्चा के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
इससे पहले 7 नवंबर को हरियाणा के किसान संगठनों ने रोहतक के मकड़ौली टोल पर बैठक की, वहीं 8 नवंबर को पंजाब में 32 जत्थेबंदियों ने बैठक की। वहीं अब 9 नवंबर को हरियाणा, पंजाब और अन्य राज्यों के किसान संगठन के नेताओं ने सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में अपने संगठन का प्रतिनिधित्व करते हुए राय रखी।