पलवल: हरियाणा और यूपी के भूमि विवाद को निपटाने के लिए यहां के लघु सचिवालय में दोनों राज्यों के अधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में दोनों राज्यों के रवेन्यू डिपार्टमेंट अधिकारी मौजूद रहे। बैठक में फैसला लिया गया कि यूपी के जिला अलीगढ के गांव मालव और गिरधरपुर तथा पलवल जिला के गांव फाटस्को नगर व मुर्तजाबाद सहित दर्जनों गांवों का यमुना नदी से सटी जमीन की पैमाइस करवाई जाए। मीटिंग में कहा गया कि तीन महीने के अंदर सभी गांवों की जमीन की पैमाइस कर सटैलमेंट वरीयता के आधार पर करवाया जाएगा। सटैलमेंट के बाद दोनों राज्यों के जमीनदारों को उनकी-उनकी जमीन पर कब्जा दिलवाया जाएगा। जमीन पर कब्जा दिलवाने के दौरान दोनों राज्यों के संबंधित अधिकारी मौजूद रहेंगे।
यमुना नदी से सटी जमीन पर पलवल जिला के गांव माहौली, सहदेव का नंगला, अतरचटा, लहरपुर, फाटस्को नगर, काशीपुर, अतवा, कुशक, चान्दहट तथा यूपी के जिला अलीगढ के गांव मोहबलीपुर, गिरधरपुर, मालव, धारागढी, कानीगढी, झुप्पा आदि गांवों विवाद बना हुआ है। भूमि विवाद में पिछले कई दशकों से किसानों की जान जाती रही है। याद रहे कि वर्ष 1967 में तत्कालीन गृहमंत्री उमां शंकर दीक्षित के नेतृत्व में यमुना नदी के साथ हरियाणा की सीमा रेखा का निर्धारण किया गया। दीक्षित आयोग ने जमीन का निर्धारण तो कर दिया लेकिन पक्की हदबस्त नहीं होने और यमुना नदी के भूमि कटाव से जमीन की सीमा रेखा बदल गई।
यमुना नदी की धारा बदलने से हरियाणा के किसानों की जमीन यूपी में चली गई और यूपी के किसानों की जमीन हरियाणा की सीमा में चली गई। सीमा बदलाव से यमुना नदी के साथ लगती जमीन पर कब्जे को लेकर यूपी और हरियाणा के किसानों के बीच खूनी खेल चलता रहा है। जमीन के कब्जा और सीमा निर्धारण को लेकर लंबे समय से दोनों राज्यों के किसान सुप्रीम कोर्ट तक गए। कोर्ट ने भी इस मामले की पैमाइस के बाद सटैलमेंट के आदेश दिए। सटैलमेंट को लेकर दोनों राज्यों को अधिकारियों की मीटिंग हुई। गुरूवार को हुई मीटिंग में पलवल के एस.डी.एम.एसके चहल, होडल के एसडीएम प्रताप सिंह, अलीगढ जिला के एसडीसी, जिला राजस्व अधिकारी धीरज चहल, तहसीलदार होडल संजीव नागर के अलावा पलवल व यूपी के जिला अलीगढ के सभी रवेन्यू अधिकारी मौजूद रहे।
- भगत सिंह तेवतिया