सोनीपत : हरियाणा के कुंडली-गाजियाबाद-पलवल एक्सप्रेस-वे (केजीपी) और कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे (केएमपी) की राह का व्यवधान आज उस समय समाप्त हो गया जब सोनीपत के गांव बढ़खालसा के ग्रामीणों ने हवन कर लंबे समय से चल रहे धरना को समाप्त करने की घोषणा की। केजीपी एवं केएमपी के गोल चक्कर एवं रोड के लिए बढ़खालसा गांव की जमीन का अधिग्रहण 2005 में तत्कालीन सरकार द्वारा किया गया था। इसके बाद ग्रामीणों ने 17 नवंबर 2005 को संघर्ष विजय महायज्ञ कर धरने की शुरूआत करने की घोषणा की और उसके बाद से लगातार यह धरना चला आ रहा था।
ग्रामीण अपनी ज़मीन किसी भी कीमत पर देने के लिए राजी नहीं थे और इसी वजह से सड़क निर्माण का कार्य बीच में ही रूका हुआ था। पिछले वर्ष 19 अप्रैल को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के साथ ग्रामीणों की बैठक हुई। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सड़क निर्माण के लिए रास्ते में आने वाली जमीन को नहीं छोड़ा जा सकता, लेकिन अगर किसान चाहें तो उन्हें जमीन के बदले दूसरी जगह पर जमीन दी जा सकती है। इसके साथ ही जिला प्रशासन को इन आदेशों का पालन करने के निर्देश भी दिए गए। उपायुक्त पांडुरंग ने बताया कि लगातार संपर्क करने पर 70 किसानों ने अपनी जमीन का मुआवजा ले लिया था और बाकी बचे 212 किसानों को अब जमीन के बदले जमीन मुहैया करवा दी जाएगी।
इसी मुद्दे पर श्री पांडुरंग आज गांव में पहुंचे और किसानों के साथ बातचीत कर धरना समाप्त करने की अपील की। उपायुक्त ने कहा कि यह रोड क्षेत्र की जीवन रेखा है और इससे क्षेत्र में विकास के नए रास्ते खुलेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों को जमीन के बदले जमीन देने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इसके बाद सभी ग्रामीण एकत्र हुए और उन्होंने संघर्ष विजय महायज्ञ का आयोजन कर यज्ञ में पूर्णाहूति डाली और रुके हुए काम को शुरू करवा दिया।
इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता मोहन लाल बड़ौली, किसान संघ के नेता वीरेंद्र बढ़खालसा, भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष निशांत छौक्कर, बल्ली, सूरजभान, पवन, महेंद्र, रामधन, सतपाल, इंद्र सिंह, छज्जू राम, भाजपा मंडल अध्यक्ष रिजक राम, सतीश नांगल, विष्णु आंतिल, राजेंद्र त्यागी, नायब तहसीलदार हवा सिंह पुनिया, हुड्डा सहित कई विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे।
- वार्ता