चंडीगढ़ : हरियाणा में किसान समुदाय के हित में एक अन्य महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज कृषि को लाभकारी बनाने, कृषि की उत्पादकता व किसानों की आय बढ़ाने के लिए हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण की स्थापना की घोषणा की। यह किसानों व भूमिहीन श्रमिकों के भौतिक, वित्तीय एवं मनौविज्ञानिक दबावों को दूर करेगा। यह घोषणा मुख्यमंत्री ने अपने हर महीने एक और सुधार कार्यक्रम के तहत चंडीगढ़ स्थित अपने सरकारी आवास पर प्रदेश के कोने-कोने से आए प्रगतिशील किसानों के प्रतिनिधियों से सीधा संवाद करने के लिए बुलाई गई बैठक में की। बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ और खाद्य, नागरिक आपूर्ति व उपभोक्ता मामले मंत्री कर्णदेव काम्बोज भी उपस्थित थे।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल तथा कृषि एवं कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने प्रदेश के किसानों को कृषि के साथ-साथ अन्य सबद्ध व्यवसायों में जोखिम फ्री बनाने की पहल करते हुए हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण का गठन करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी मनुष्य की पहली आवश्यकता है। पीने के पानी के साथ-साथ अन्य उपयोग के लिए इसे पूरा करना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होनें ने कहा कि बेहतर पानी के प्रबंधन के चलते हमारी सरकार ने पिछले तीन वर्षों में लोहारू व नांगल चौधरी विधानसभा क्षेत्रों में ऐसी-ऐसी टेलों पर पानी पहुंचाया है जहां नहर व माईनर बनने के 30-35 सालों में कभी नहीं पहुंचा था। इसके लिए लोहारू से आए किसान, वीर सिंह धनखड़, बेहल से आए साधुराम व नांगल चौधरी से आए रामानंद यादव ने मुख्यमंत्री व कृषि एवं कल्याण मंत्री श्री ओम प्रकाश धनखड़ का विशेष आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार सतलुज यमुना लिंक नहर पर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के निष्पादन आदेशों के लिए प्रयासरत है। इसके अलावा, रेणूका, लखवार व किशाऊ बांधों से भी हरियाणा को उसके हिस्से का पानी मिले इसके लिए भी प्रक्रिया जारी है। लगभग तीन घंटे तक चली चर्चा में किसान प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल का विशेष आभार व्यक्त किया और अपने-अपने क्षेत्रों के अमूल्य सुझाव भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान प्रदेश की रीढ़ है और उनके कल्याण व आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए सरकार कटिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि किसान कल्याण प्राधिकरण के साथ-साथ एक एडवाईजरी कमेटी का भी गठन किया जाएगा जिसमें वे स्वयं भी शामिल होंगे, इसके अलावा, कृषि एवं कल्याण मंत्री व सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ प्रगतिशील किसानों को भी शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त, खेतीहार मजदूरों व भूमिहीन किसानों के लिए एक अलग से कमेटी का गठन भी किया जाएगा। किसानों के सुझावों से गद-गद मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके दरवाजे हमेशा खुले है और किसी भी समय अच्छे सुझाव अपनाएं जाएंगे। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि जैविक खेती करने वाले, मधुमक्खी पालन, बागवानी व डेरी व्यावसाय वाले किसानों को अपने-अपने उत्पादक समूह गठित कर अपनी ब्रांडिंग करनी चाहिए, सरकार की तरफ से इंफ्रास्टच्चर व अन्य सुविधाएं ऐसे समूहों को उपलब्ध करवाई जाएंगी।
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(आहूजा)