ग्रेटर फरीदाबाद: मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के किसानों के आंदोलन की आग से सहमे जिला प्रशासन ने इंडस्ट्रीयल मॉडल टाउन (आइएमटी) के किसानों का बकाया बांटने के लिए आनन-फानन में 50 करोड़ रुपये मंगाए लिए हैं। इस राशि से किसानों को जल्द मुआवजा देना शुरू कर दिया जाएगा। एचएस आइआइडीसी ने वर्ष 2008 में गांव सोतई, मुजैड़ी, नवादा तिगांव, मच्छगर, चंदावली के किसानों की 1832 एकड़ भूमि अधिग्रहण की थी।
किसानों को 16 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से जमीन का मुआवजा दिया था। मुआवजा कम होने के कारण किसान अदालत में चले गए। हरियाणा-पंजाब हाई कोर्ट ने इस मुआवजे को 500 रुपये प्रति वर्ग गज से बढ़ा कर 1200 रुपये प्रति वर्ग गज कर दिया। हाई कोर्ट ने निगम को मुआवजा 14 सितंबर 2016 तक देने के आदेश दे दिए। इन आदेशों के बाद भी विभाग ने अभी तक किसानों को मुआवजा नहीं बांटा था।महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश में किसानों का आंदोलन के बाद हरियाणा सरकार भी सतर्क है।
अरसे से मुद्दे की तलाश कर रही कांग्रेस पार्टी और इनेलो भी हरियाणा में किसानों को आंदोलन के लिए भड़काना चाहती हैं, ऐसे में प्रशासन और सरकार पूरी तरह से किसानों को शांत रखने में जुटी है। आइएमटी के किसानों का अभी तक मुआवजा पूरा नहीं मिला है। प्रशासन को आशंका सता रही थी कि कहीं मुआवजे की मांग को लेकर आइएमटी के किसान आंदोलन शुरू न कर दें। सूत्रों के अनुसार जिला उपायुक्त समीरपाल सरो ने रविवार को मुख्य सचिव को जिले की स्थिति के बारे में जानकारी दी तो उन्होंने साथ ही आइएमटी के किसानों को बकाया मुआवजा देने के लिए तुरंत 100 करोड़ रुपये देने के लिए कहा था।
- राजेश नागर