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पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के कुनबे में जमीन को लेकर रार

साढ़े 4 एकड़ भूमि बेचे जाने को लेकर दिवंगत प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर सिंह के कुनबे में चल रहे विवाद को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल सरकार हरकत में आ गई।

सोहना  : सोहना खंड के गांव भौंड़सी स्थित भूमि में से साढ़े 4 एकड़ भूमि बेचे जाने को लेकर दिवंगत प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर सिंह के कुनबे में चल रहे विवाद को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल सरकार हरकत में आ गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सहकारिता विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव ज्योति अरोड़ा ने तत्काल प्रभाव से इस पूरी जमीन पर स्टे लगा दिया है। इतना ही नही उन्होने इस मामले में जिला रजिस्ट्रार के आदेश को भी पूरी तरह गलत ठहराया है।

ध्यान रहे कि इससे पहले गांव भौंड़सी स्थित भूमि में से साढ़े 4 एकड़ भूमि बेचे जाने को लेकर दिवंगत प्रधानमंत्री स्वर्गीय चन्द्रशेखर सिंह के कुनबे में चल रहे विवाद को लेकर मामला भौंड़सी पुलिस और पुलिस कमिश्नर तक पहुंचने पर मामले को तूल पकड़ते देख तहसीलदार सोहना नेहा सहारन ने पुलिस जांच पूरी होने तक उपरोक्त भूमि के मुटेशन के साथ-साथ सोसायटी की जमीन की बिक्री पर भी रोक लगा दी थी। इस मामले में एक पक्ष का आरोप है कि दूसरे पक्ष ने फर्जी कागजात तैयार करके दी भुवनेश्वरी निकेतन सहकारी भवन निर्माण समिति सोसायटी की करीब साढ़े 4 एकड़ जमीन बेच दी है।

कुनबे में भूमि को लेकर विवाद इतना गहरा गया कि मामला पहले पुलिस थाने और फिर पुलिस आयुक्त कार्यालय तक पहुंच गया। जब मामले ने तेजी से तूल पकड़ा तो तहसीलदार बैकफुट पर आ गई और तुरत-फुरत में उपरोक्त भूमि के मुटेशन के साथ-साथ सोसायटी की जमीन की बिक्री पर भी रोक लगा दी थी। इस मामले में पुलिस आयुक्त मोहम्मद अकील ने संज्ञान लेते हुए इस पूरे मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी हुई है। इस मामले में शिकायतकर्ता पक्ष ने चंद दिन पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाई तो पूरा सहकारिता विभाग तुरंत हरकत में आ गया।

सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री के निर्देश पर विभाग के रजिस्ट्रार यशिन्द्र सिंह ने अपने स्तर पर मामले की जांच कराई, जिसमें यह बात सामने आई कि डिप्टी रजिस्ट्रार की ओर से सोसायटी की जमीन बेचने की अनुमति दायरे से बाहर जाकर दी गई है जबकि नियमानुसार सोसायटी की जमीन या कोई भी प्रोपर्टी बेचने से पहले जिला रजिस्ट्रार से अनुमति लेने का प्रावधान है। डिप्टी रजिस्ट्रार स्तर पर मात्र 10 लाख रुपए की संपत्ति बेचने की अनुमति दी जा सकती है। रजिस्ट्रार की रिपोर्ट के आधार पर सहकारिता विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव ज्योति अरोड़ा ने तुरंत कार्रवाई कर तत्काल प्रभाव से इस पूरी जमीन पर स्टे लगा दिया है।

अब ना तो बेची गई जमीन का मुटेशन होगा और ना ही सोसायटी की बाकी जमीन बेची अथवा किसी भी तरह का निर्माण कार्य किया जा सकेगा। इस मामले में पूर्व प्रधानमंत्री चन्द्रशेखर सिंह के राजनीतिक सलाहकार रहे एचएन शर्मा का कहना है कि अच्छी बात ये है कि जैसे ही प्रदेश सरकार के पास शिकायत गई, तुरंत कार्रवाई की गई। इससे पहले पुलिस कमिश्नर को शिकायत दी गई। वह जांच शुरू हो गई है। इससे साफ हो गया है कि शिकायत सही है। ऐसे में प्रशासन को जमीन की की गई रजिस्ट्री रदद कर पूरे विवाद को खत्म करना चाहिए।

– उमेश गुप्ता

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