चंडीगढ़ : हरियाणा में पंचायती राज संस्थाओं को और अधिक वित्तीय अधिकार प्रदान करके उन्हें सशक्त करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने आज घोषणा की कि पहली अप्रैल, 2020 से व्यक्तिगत शौचालयों के निर्माण के लिए लाभानुभोगियों को वित्तीय सहायता की अदायगी पंचायत समितियों के माध्यम से की जाएगी। तब तक, यह अदायगी सम्बन्धित अतिरिक्त उपायुक्तों के द्वारा की जाएगी। इस योजना के तहत लोगों को अपने घरों में शौचालयों के निर्माण के लिए 12,000 रुपये का पुन: भुगतान किया जाएगा।
इस आशय का निर्णय आज यहां मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई स्वच्छ भारत मिशन और राज्य स्तरीय कार्य बल की एक बैठक में लिया गया। बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री दुष्यंत चौटाला भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने सम्बन्धित अधिकारियों को विशेष रूप से ऐसे शहरों, जहां दुधारू पशुओं की डेयरियां हैं, में गोबर के प्रबंधन के लिए एक व्यापक योजना तैयार करने के निर्देश दिए ताकि सीवरेज में रुकावट उत्पन्न न हो।
उन्होंने निर्देश दिए कि इस सम्बन्ध में जब तक योजना तैयार नहीं हो जाती, तब तक वाहनों का इस्तेमाल करके डेयरियों से गोबर एकत्रित किया जाए और उसका उचित रूप से निपटान किया जाए। मुख्यमंत्री ने उन्हें गोबर से बायोगैस उत्पन्न करने की सम्भावनाओं का पता लगाने के भी निर्देश दिए।
बैठक में बताया गया कि राज्य में अब तक 1,359 ठोस कचरा प्रबंधन परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं, जिनमें से 722 परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं और 172 परियोजनाओं पर कार्य प्रगति पर है। बैठक में यह भी बताया गया कि 152 ग्राम पंचायतों के 22 क्लस्टर्स का चयन किया गया है, जिन्हें 11.68 करोड़ रुपये वार्षिक की अनुमानित लागत से पूर्ण रूप से ठोस कचरा प्रबंधन नियम-2016 के अनुरूप बनाया जाएगा।